पर्यावरण को बचाने के लिए CPCB ने उद्योगों से मांगा ये प्लान
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने बड़े पैमाने पर पैदा हो रहे प्लास्टिक कचरे पर लगाम लगाने के लिए Plastic Waste Management (PWM) Rules, 2016 के तहत 09 उद्योगों की 52 कंपनियों को नोटिस जारी कर के उनसे उनका एक्सटेंडेड प्रोडक्ट रिस्पॉंसिबिलिटी प्लान (EPR) मांगा है.
प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की सख्ती (फाइल फोटो)
प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की सख्ती (फाइल फोटो)
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने बड़े पैमाने पर पैदा हो रहे प्लास्टिक कचरे पर लगाम लगाने के लिए Plastic Waste Management (PWM) Rules, 2016 के तहत 09 उद्योगों की 52 कंपनियों को नोटिस जारी कर के उनसे उनका एक्सटेंडेड प्रोडक्ट रिस्पॉंसिबिलिटी प्लान (EPR) मांगा है. सीपीसीबी की ओर से इन नोटिसों के तहत प्लास्टिक के प्रयोग पर उद्योगों की जिम्मेदारी सुश्चित करने का प्रयास किया है. यह जानकारी पर्यावरण पर काम कर रही संस्था डाउन टू अर्थ की एक रिपोर्ट में दी गई है.
प्लास्टिक कंपिनयों को लेना होता है EPR रजिस्ट्रेशन
गौरतलब है कि सभी कंपनियां जो प्लास्टिक पैकेजिंग का प्रयोग करती हैं उन्हें एक्सटेंडेड प्रोडक्ट रिस्पॉंसिबिलिटी प्लान (EPR) के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है. यदि कोई कंपनी EPR के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं कराती है तो उस पर इनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट 2010 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
कचरा एकत्र करने को बनाना होगा सिस्टम
नियमों के तहत सभी प्लास्टक के उत्पादन बनाने वाली कंपनियों व ब्रांड को EPR के प्रावधानों के तहत एक वेस्ट कलेक्शन सिस्टम तैयार करना होता है ताकि प्लास्टिक को प्रयोग होने के बाद कचरे को एकत्र कर उसका प्रबंधन किया जा सके.
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कई कंपनियों ने EPR के तहत रजिस्ट्रेशन कराया
मार्च 2014 में सीपीसीबी की सख्ती के बाद देश के लगभग 49 ब्रंड और बड़ी कंपिनयां जो प्लास्टिक उत्पाद बनाती हैं उन्होंने EPR के तहत रजिस्ट्रेशन कराया है. इन कंपनियों ने कहा है कि ये अपने 20 फीसदी उत्पादों को प्रयोग होने के बाद एकत्र कर उसका प्रबंधन करेंगी. अगले तीन सालों में इन कंपनियों को 20 फीसदी की बजाए 100 फीसदी अपने उत्पादों को प्रयोग होने के बाद एकत्र करना होगा.
देश में रोज बड़े पैमाने पर प्लास्टिक कचरा पैदा होता है
सीपीसीबी की ओर से 2018 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार देश में रोज लगभग 25940 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है. ज्यादातर कचरा पैकेजिंग इंडस्ट्री के उत्पादों से निकलता है. जबकि इसमें से मात्र 60 फीसदी उत्पादों की ही रिसाइकिलिंग की जा पाती है. लगभग 10000 हजार टन प्लास्टिक कचरा लैंडफिल या समुद्र में जाता है या नालों में जा कर उन्हें जाम करता है.
01:43 PM IST