Corona Effect: देश में बढ़ी गरीबी, पिछले साल करीब 3.2 करोड़ भारतीय हुए मिडिल क्लास से बाहर
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Fri, Mar 19, 2021 01:32 PM IST
Corona Effect: भले ही कोरोना की वैक्सीन आ गई हो लेकिन इसकी तकलीफ लंबे समय तक महसूस की जाएगी. कोरोना के कारण बीते साल 1990 के दशक के बाद पहली बार दुनियाभर के मिडिल क्लास के लोगों की संख्या घटी है. वित्तीय संकट ने पिछले साल लगभग 3.2 करोड़ भारतीयों को मिडिल क्लास से बाहर कर दिया है. वहीं, नौकरी गंवाने की वजह से करोड़ों लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए हैं.
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मिडिल क्लास की आबादी में बड़ी गिरावट
कोरोना के चलते पूरी दुनिया में मिडिल क्लास की आबादी में बड़ी गिरावट आई है. वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोनो वायरस महामारी द्वारा लाए गए वित्तीय संकट ने पिछले साल लगभग 3.2 करोड़ भारतीयों को मिडिल क्लास से बाहर कर दिया है. रोजाना 10 से 20 डॉलर तक की कमाई करने वालों को मिडल क्लास में गिना जाता है. विकासशील देशों के तकरीबन दो-तिहाई परिवारों ने माना है कि उन्हें आमदनी में नुकसान का सामना करना पड़ा है. रिसर्च ग्रुप Pew Research Center की स्टडी के मुताबिक पिछले साल दुनिया में मिडल क्लास (Middle Class) की आबादी 9 करोड़ गिरकर करीब 2.5 अरब रह गई.
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लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन से भारत में आर्थिक गतिविधियां थम गई. इससे भारत 40 साल में सबसे बड़ी आर्थिक मंदी में डूब गया क्योंकि महामारी ने बड़े पैमाने पर नौकरियां छिनी जबकि चीन इसे रोकने में सक्षम था. जनवरी में जारी अपने विश्व आर्थिक अपडेट में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था में 8 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था जबकि 2020 में चीन की अर्थव्यवस्था में 2.3 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद थी.
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भारत में बढ़ी गरीबों की संख्या
दक्षिण एशिया में खासकर भारत की आबादी में गरीबों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है जिससे कई साल की प्रगति पर पानी फिर गया है. भारत में 3.2 करोड़ लोग मिडल क्लास से बाहर हो गए. 1990 के दशक के बाद यह पहला मौका है जब दुनिया में मिडल क्लास की आबादी में गिरावट आई है. प्यू के मुताबिक 2011 में दुनिया में मिडल क्लास की आबादी 13 फीसदी थी जो 2019 में बढ़कर 19 फीसदी हो गई थी.
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चीन का बेहतर प्रदर्शन
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था एक गंभीर मंदी के दौर में है. विश्व बैंक के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि तुलनात्मक रूप से चीन ने बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें मिडिल क्लास के लोगों की संख्या सिर्फ 1 करोड़ घटी, जबकि 2020 में गरीबी का स्तर लगभग नहीं बदला.
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