मुंबई में बाढ़ या तूफान की चेतावनी तीन दिन पहले मिल सकेगी, लगाया गया खास सिस्टम
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बाढ़ या तूफान का पता तीन दिन पहले लग सकेगा. इसके लिए “आईफ्लोज-मुंबई” नाम का खास सिस्टम लगाया गया है.
मुंबई में तीन दिन पहले मिल जाएगी बाढ़ और तूफान की चेतावनी
मुंबई में तीन दिन पहले मिल जाएगी बाढ़ और तूफान की चेतावनी
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बाढ़ का अनुमान काफी पहले लगाया जा सकेगा. बाढ़ का अनुमान वार्ड स्तर पर 3 दिन पहले लगाया जा सकेगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुंबई के लिए अत्याधुनिक फ्लड एलार्मिंग सिस्टम (बाढ़ चेतावनी प्रणाली) “आईफ्लोज-मुंबई” की शुरुआत की. इस तकनीक के भारी बारिश और चक्रवात के समय ज्यादा बारिश गिरने से बाढ़ जैसी स्थिति का पता लगाया जा सकेगा.
3 दिन पहले चेतावनी देगा सिस्टम
ये सिस्टम खास तौर पर बारिश और चक्रवातों के दौरान बाढ़ के लिए चेतावनी देगा. इस सिस्टम के जरिए 3 दिन पहले बाढ़ का अनुमान लगाना संभव होगा. इस सिस्टम के जरिए 3 से 6 घंटे के नाउकास्ट (तत्काल मौसम अपडेट) देना भी संभव होगा. सही समय पर जानकारी मिलने से लोगों को निचले इलाकों से खाली कराने के लिए मदद मिलेगी. ये सिस्टम 12 घंटे पहले ही बता देगा कि मुंबई में किस जगह पर बाढ़ आने वाली है.
मुंबई में पहले भी आई है बाढ़
मुंबई में 2005 और 2017 में काफी भयानक बाढ़ आई थी. ऐसे में इस तरह का सिस्टम लगने से मुंबई के लोगों को मुश्किल समय में काफी राहत मिलेगी. इस तरह का सिस्टम चेन्नई में पहले से काम कर रहा है. इस सिस्टम को शुरू किए जाने के मौके पर केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि एमओईएस वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया में सुनामी के लिए सबसे अच्छी चेतावनी प्रणाली है. इस सिस्टम ने इस मामले में कभी भी खतरे की गलत सूचना नहीं दी है. इस सर्विस का विस्तार हिंद महासागर क्षेत्र के लिए किया गया है. इससे काफी लोगों को फायदा मिलेगा.
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लगाए गए हैं कई रडार
इस मौके पर एमओईएस के सचिव डॉ एम राजीवन ने बताया कि मुंबई के लिए 160 से अधिक प्रेक्षण केन्द्रों और 4 और रडार (जिनका उपयोग अगले मानसून के मौसम में किया जाना है) हम 500 मीटर औरहरेक 15 मिनट की सटीकता के साथ वर्षा का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम होंगे. बाढ़ के चेतावनी सिस्टम के बारे में उन्होंने कहा, "हमें खुशी है कि हम समय पर “आईफ्लोज-मुंबई”परियोजना को पूरा कर सके.
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इस तरह काम करता है ये सिस्टम
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने ग्रेटर मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के साथ मिलकर अपनी इन-हाउस विशेषज्ञता का इस्तेमाल करके इस सिस्टम को बनाया है. ये सिस्टम बारिश का डेटा और स्थानीय डेटा जैसे जमीन का इस्तेमाल, पानी के निकलने का सिस्टम, शहर में जल निकायों, ज्वार-स्तर, बुनियादी ढांचे और आबादी का उपयोग करती है, जिन्हें बीएमसी की ओर से उपलब्ध कराया गया है. “आईफ्लोज-मुंबई” सिस्टम इनपुट के रूप में इनका इस्तेमाल करेगा और मौसम, बारिश, जल प्रवाह, ज्वार और तूफान के प्रभाव के मॉडल के आधार पर नगर के लिए प्रारंभिक चेतावनी उपलब्ध करायेगी. इस सिस्टम से बारिश, नदी में बाढ़, तूफान के बढ़ने, सड़कों, इमारतों और रेल लाइनों के कारण पानी के बहाव में रुकावट, उच्च ज्वार और समुद्र के जल-स्तर में बढ़ोतरी के कारण पानी के बहाव में अवरोध की समस्या का भी समाधान होगा.
05:45 PM IST