Monkeypox: केरल में मिला मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला, जांच के लिए पुणे भेजा गया सैंपल
Monkeypox: केरल में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला मिला है. UAE से आए इस शख्स को लक्षण मिलने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. मरीज के सैंपल को पुष्टि के लिए पुणे भेजा गया है.
(Source: Reuters)
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Monkeypox: भारत में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला सामने आया है. केरल की हेल्थ मिनिस्टर वीना जॉर्ज (Veena George) ने शुक्रवार को बताया कि केरल में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला सामने आया है. तीन दिन पहले संयुक्त अरब अमीरात से ककेरल आए इस शख्स को मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जॉर्ज ने आज कहा कि यात्री के नमूने पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को परीक्षण के लिए भेजे गए हैं, परीक्षण के परिणाम प्राप्त होने के बाद ही मंकीपॉक्स (Monkeypox) की पुष्टि की जा सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मंकीपॉक्स पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाला एक संक्रामक रोग है और इसके लक्षण चेचक के मरीजों के जैसे होते हैं. हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है.
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कैसे फैलता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) एक व्यक्ति के किसी पीड़ित व्यक्ति के घावों, शरीर के लिक्विड, सांस और बिस्तर जैसी दूषित चीजों के संपर्क में आने से फैलता है. मंकीपॉक्स का क्लिनिकल प्रजेंटेशन चेचक से मिलता जुलता है. जो कि ऑर्थोपॉक्स वायरस संक्रमण है. जिसे 1980 में दुनियाभर में समाप्त घोषित कर दिया गया था.
कब आया था पहला मामला
इंसानों में मंकीपॉक्स की पहचान पहली बार 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एक 9 महीने के लड़ने में हुई थी, जहां 1968 में चेचक को समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद से मंकीपॉक्स के अधिकांश मामले ग्रामीण, वर्षावन क्षेत्रों से सामने आए हैं.
अफ्रीका के बाहर पहला मामला
अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स का पहला मामला 2003 में, संयुक्त राज्य अमेरिका में सामने आया था. यह पालतू प्रैरी कुत्तों के संपर्क से फैला था, जिन्हें गैम्बियन पाउच वाले चूहों और डॉर्मिस के साथ रखा गया था. इन चुहों को घाना से इम्पोर्ट किया गया था.
04:22 PM IST