Cabinet Decision: 'मिशन कर्मयोगी' अधिकारियों को बनाएगा प्रोफेशनल और एक्टिव, सरकार ने दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए.
मिशन कर्मयोगी के तहत अधिकारियों की ट्रेनिंग पर खास ध्यान दिया जाएगा. (Image-PIB)
मिशन कर्मयोगी के तहत अधिकारियों की ट्रेनिंग पर खास ध्यान दिया जाएगा. (Image-PIB)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. कैबिनेट ने सिविल सर्विस अधिकारियों (Civil Service Officers) के लिए 'मिशन कर्मयोगी' को मंजूरी दी है.
इस मिशन के तहत सिविल सेवा के अधिकारियों को खास ट्रेनिंग दी जाएगी. यह मिशन National Programme for civil services capacity building (NPCSCB) के तहत चलाया जाएगा.
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मसूरी स्थित सिविल सर्विस अधिकारियों के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का दौरा किया था. उस दौरान वहां ट्रेनिंग में व्यापक बदलाव की चर्चा हुई.
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उन्होंने बताया कि मिशन कर्मयोगी के तहत ट्रेनिंग का एक नया प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा. नए डिजिटल प्लेफॉर्म से अब सिविल सर्विस अधिकारी कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकते हैं. वो अपने मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट पर ट्रेनिंग ले सकते हैं.
मिशन कर्मयोगी के तहत सरकारी अधिकारियों के काम को किस तरह और ज्यादा बेहतर किया जाए, उस पर फोकस किया जाएगा, अधिकारियों की दक्षता बढ़ाना इस मिशन का मकसद होगा.
कर्मयोगी योजना, जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधयेक को मिली केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी#CabinetDecisions pic.twitter.com/SzMJf5PUVL
— Zee Business (@ZeeBusiness) September 2, 2020
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि मिशन कर्मयोगी में मल्टी लेयर स्ट्रक्चर होगा. प्रधानमंत्री हेड करेंगे तो मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और एक्सपर्ट भी कमेटी में शामिल होकर योजना की निगरानी करेंगे. कैबिनेट सचिवालय कोआर्डिनेशन करेगा. प्रदेश भी योजना का लाभ ले सकेंगे. उन्होंने बताया कि अब सब्जेक्टिव नहीं ऑब्जेक्टिव अप्रेजल होगा.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के सचिव सी.चन्द्रमौली ने बताया कि पब्लिक सर्विस से जुड़े अधिकारी को कल्पनाशील और नवाचारी, एक्टिव, सरल, पेशेवर, प्रगतिशील और ऊर्जावान होना पड़ेगा. 'मिशन कर्मयोगी' सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए एक नया नेशनल आर्टिटेक्चर देखता है.
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एक अन्य फैसले के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक 2020 लाने का फैसला लिया गया है. इसमें उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिन्दी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषा रहेंगी.
07:49 PM IST