Mahatma Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि, जानें कैसे बने राष्ट्रपिता और उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
Mahatma Gandhi Jayanti: हर साल 2 अक्टूबर को देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है. उनको सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था. 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए राष्ट्रपिता कहा था.
Mahatma Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि, जानें कैसे बने राष्ट्रपिता और उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
Mahatma Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि, जानें कैसे बने राष्ट्रपिता और उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
Mahatma Gandhi Jayanti: आज (2 अक्टूबर) को महात्मा गांधी की जयंती है. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था. पीएम मोदी- सोनिया समेत कई नेताओं ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दिन बापू को याद किया जाता है. स्कूल-कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों समेत विभिन्न जगहों पर गांधी जयंती के कार्यक्रम होते हैं. महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता भी कहा जाता है. उनको सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था. 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए राष्ट्रपिता कहा था.
गांधी ने किया कई आंदोलन
बापू ने सत्य और अहिंसा का मार्ग चुना. इस पर चलते हुए उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया और देश को आजादी दिलाई. महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए सविनय अवज्ञा, भारत छोड़ो समेत कई आंदोलन किए. उन्होंने कई बार अनशन किया, जेल गए और लाठियां भी खाईं.
अल्बर्ट आइंस्टीन भी थे बापू से प्रभावित
महात्मा गांधी से मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे नेता भी प्रभावित हुए और उन्होंने अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ी. महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन भी बापू से प्रभावित थे. महात्मा गांधी को 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था.
नाथूराम गोडसे ने की थी गांधी की हत्या
महात्मा गांधी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई. नई दिल्ली के बिड़ला भवन में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बापू की शवयात्रा में करीब 10 लाख लोग साथ चल रहे थे. 15 लाख से ज्यादा लोग रास्ते में खड़े हुए थे.
फिल्मों को अच्छा नहीं मानते थे बापू
बापू को फिल्में देखना पसंद नहीं था. वे फिल्मों को देश और युवाओं के लिए अच्छा नहीं समझते थे.
गांधी जी का परिवार
गांधी जी की शादी पोरबंदर के एक व्यापारी परिवार की बेटी कस्तूरबा से हुई थी. कस्तूरबा मोहनदास से उम्र में 6 माह बड़ी थीं.
एक साल बाद ही गांधी जी एक बेटे के पिता बन गए. लेकिन उनका यह पुत्र ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रहा. बाद में कस्तूरबा और गांधी जी के चार बेटे हुए, जिनके नाम हरिलाल, मणिलाल, रामलाल और देवदास था. गांधी जी शादी के बाद पढ़ने के लिए विदेश चले गए, जहां से वह वकालत की पढ़ाई करके वापस आए. बापू ने स्वदेश लौटकर स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में हिस्सा लिया. इस दौरान कस्तूरबा उनका साथ देती रहीं.
महान थे गांधी
एक बार की बात है, जब महात्मा गांधी रेल यात्रा कर रहे थे. उस दौरान महात्मा गांधी जी का एक जूता ट्रेन से गिर गया, तो गांधीजी ने दूसरा जूता भी बाहर फेंक दिया. यह देख रेल में बैठा एक व्यक्ति ने उनसे पूछा कि आपने दूसरे जूते क्यों फेंक दिए, तो गांधीजी ने कहा कि एक जूता मेरे काम नहीं आएगा. अगर यह जूता किसी को मिलता भी है, तो वह उसके काम नहीं आएगा. अगर उस व्यक्ति को दोनों जूते मिलते हैं, तो उसके काम आ सकता है.
गांधीजी के आंदोलन
- 1906 में महात्मा गांधी ने ट्रांसवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ पहला सत्याग्रह चलाया.
- गांधी जी ने नमक पर ब्रिटिश हुकूमत के एकाधिकार के खिलाफ 12 मार्च 1930 को नमक सत्याग्रह चलाया, जिसमें वे अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों तक पैदल मार्च निकाला.
- देश की आजादी के लिए 'दलित आंदोलन', 'असहयोग आंदोलन', 'नागरिक अवज्ञा आंदोलन', 'दांडी यात्रा' और 'भारत छोड़ो आंदोलन' शुरू किए.
गांधीजी के जीवन से जुडी कुछ रोचक बातें जानते हैं-
- महात्मा गांधी को सबसे पहले 'राष्ट्रपिता' सुभाष चंद्र बोस ने कहा था.
- गांधीजी ने 1934 में भागलपुर भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए अपने ऑटोग्राफ पांच ₹5-5 में बेचे थे.
- देश और विदेश में महात्मा गांधी के नाम पर कुल 101 बड़ी सड़कें हैं. इनमें 53 सड़कें देश में और 48 सड़कें विदेश में है.
- अपने जीवन काल में गांधीजी कभी भी फ्लाइट में नहीं चढ़े. जब कभी उन्होंने विदेश यात्रा की तो समुद्र मार्ग के जरिए की.
- 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, उनकी सब यात्रा में 10 लाख लोग शामिल थे. वहीं, करीबन 15 लाख लोग श्रद्धांजलि देने के लिए रास्ते में खड़े थे.
- महात्मा गांधी को भगवान श्रीराम के प्रति काफी श्रद्धा थी. जब उन्हें गोली मारी गई तो उनके मुख से अंतिम शब्द 'हे राम' ही निकला था.
10:09 AM IST