पांच साल में भारतीय अमीरों की संपत्ति 87 प्रतिशत और बढ़ जाएगी, जानें अभी कितनी है दौलत
देश के 4,470 बहुत ज्यादा अमीर लोगों की दौलत उनके विदेशी समकक्षों से भी ज्यादा है. ज्यादा अमीर भारतीयों के पास औसतन दौलत 865 करोड़ रुपये है, जबकि दुनिया में यह आंकड़ा 780 करोड़ रुपये है.
बीते पांच साल में देश में दौलतमंदों की संख्या 40 फीसदी बढ़ गई है.
बीते पांच साल में देश में दौलतमंदों की संख्या 40 फीसदी बढ़ गई है.
देश में अमीर लोग लगातार और अमीर होते जे रहे हैं. एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में अमीरों की दौलत में 87 प्रतिशत के साथ जोरदार बढ़ोतरी हो जाएगी. यह अनुमान आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट और वेल्थ एक्स ने एक अध्ययन के बाद लगाया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 4,470 बहुत ज्यादा अमीर लोगों की दौलत उनके विदेशी समकक्षों से भी ज्यादा है. ज्यादा अमीर भारतीयों के पास औसतन दौलत 865 करोड़ रुपये है, जबकि दुनिया में यह आंकड़ा 780 करोड़ रुपये है.
इतने करोड़ है कुल दौलत
भारतीय अर्थव्यवस्था में ऐसे 2,84,140 अमीर हैं. आपको बता दें कि इनकी कुल संपत्ति 95 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2021 तक इन अमीरों की संपत्ति 188 लाख करोड़ रुपये हो जाने की संभावना है. इनकी संख्या में 86 फीसदी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. साथ ही ऐेसे अमीरों की संख्या देश में बढ़कर 5,29,940 से अधिक हो सकती है.
बीते पांच साल में 40 फीसदी बढ़ी संपत्ति
आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करण भगत ने बताया कि बीते पांच साल में देश में दौलतमंदों की संख्या 40 फीसदी बढ़ गई है. आपको जानकर शायद आश्चर्य लग सकता है कि यह किसी भी अन्य देश के मुकाबले सबसे बड़ी बढ़त है. विदेश में दौरान अमीरों की संख्या में 3.2 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि इनकी संपत्ति में 4.2 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.
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कई नए भारतीय अमीर की जमात में
दुनियाभर में अमीरों के कुनबे में भारत के कई नए अमीर शामिल हुए हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, इस मामले में भारत चौथे पायदान पर है. इसमें अमेरिका शीर्ष पर है. जबकि जापान और चीन इसके बाद आते हैं. एक खास बात यह है कि विदेशी अमीर के मुकाबले भारतीय अमीर बहुत कम ही दौलत लिक्विड एसेट में रखते हैं.
उनका एक तिहाई निवेश उनके अपने मुख्य कारोबार में है. करीब 55 फीसदी भारतीय अमीरों को विरासत से मिली संपदा का फायदा हुआ है. इसके लिए ग्लोबल औसत 34 फीसदी है. हां, 45 फीसदी ज्यादा अमीर भारतीय खुद की मेहनत से अपनी जगह बना सके हैं.
02:55 PM IST