Parliament Attack 2001: आज ही के दिन भारतीय संसद पर हुआ था आतंकी हमला, देश कर रहा शहीदों को नमन
2001 India Parliament Attack: आज संसद पर हमले की 21वीं बरसी है. आज के ही दिन 2001 में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर में आतंकी हमला किया गया था. हमले के वक्त संसद में लगभग 100 संसद और मंत्री मौजूद थे.
Parliament Attack 2001: आज ही के दिन भारतीय संसद पर हुआ था आतंकी हमला, देश कर रहा शहीदों को नमन
Parliament Attack 2001: आज ही के दिन भारतीय संसद पर हुआ था आतंकी हमला, देश कर रहा शहीदों को नमन
Parliament Attack 2001: 13 दिसंबर 2001 के दिन भारतीय संसद में सुबह शीतकालीन सत्र चल रहा था. किसी को अंदाजा भी नहीं था कि थोड़ी ही देर में आतंकवादी इस परिसर में घुसकर आतंक फैलाने वाले हैं. ये हमला लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद आतंकी ग्रुप के आंतकवादियों ने किया था. आतंकवादियों की संख्या 05 थी. इस हमले में 14 लोग मारे गए थे. इस हमले में 08 सुरक्षाकर्मी और 1 माली भी इस हमले में शहीद हुए थे.
जानें उस दिन की घटना
ससंद परिसर में अचानक गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं. आतंकवादी एके-47 लेकर एक सफेद एंबेसडर कार से संसद परिसर में घुसे थे. शुरू में सुरक्षाकर्मियों को नहीं लगा कि वो आतंकवादी हैं लेकिन बाद में परिसर में उनकी हरकतों से ये अंदाज हो गया कि सेना की वर्दी पहनकर संसद परिसर में घुसे ये लोग गलत इरादे से आए हैं. इस कार पर लाल बत्ती और होम मिनिस्ट्री का स्टीकर लगा हुआ था. संसद परिसर में एंट्री के बाद आतंकियों की कार बिल्डिंग के गेट नंबर 12 की तरफ बढ़ रही थी, तभी एक सुरक्षाकर्मी को कुछ शक हुआ. कार को पीछे लौटने को कहा गया. तब तक वह तत्कालीन वाइस प्रेजिडेंट कृष्ण कांत के वाहन से टकरा चुकी थी. इसके बाद AK-47 से लैस आतंकी कार से उतरते हैं और फायरिंग शुरू कर देते हैं.
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हमले में कई जवान हुए शहीद
फायरिंग शुरू होते ही संसद का अलार्म बजता है. मेन बिल्डिंग के सभी गेट्स बंद कर दिए जाते हैं. संसद में मौजूद सुरक्षा के जवान चारों से तरफ से आतंकियों को घेर लेते हैं. इसके बाद करीब आधे घंटे तक दोनों तरफ से फायरिंग होती है. सभी आतंकियों को ढेर कर दिया जाता है. इस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, CRPF की एक महिला कांस्टेबल, संसद वॉच एंड वार्ड सेक्शन के दो सुरक्षा सहायक, एक माली और एक फोटो पत्रकार वीर गति को प्राप्त होते हैं.
आडवाणी समेत 200 सांसद थे मौजूद
हमले के वक्त संसद में कई सांसद और मंत्री मौजूद थे. हमले के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत करीब 200 सांसद संसद परिसर में मौजूद थे. सुरक्षाकर्मियों ने हमला होते ही उन्हें कमरे में भेजकर सुरक्षित कर दिया था.
हमले के बाद क्या हुआ?
जिस दिन संसद पर हमला हुआ, उसी दिन दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की. कुछ दिनों के भीतर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार लोगों को गिरफ्तार किया. इन चारों की गिरफ्तारी उस कार से मिले लिंक से हुई जिसका इस्तेमाल आतंकियों ने किया था. पुलिस ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया, उनमें पूर्व JKLF आतंकी मोहम्मद अफजल गुरु, उसका कजिन शौकत हुसैन गुरु, शौकत की पत्नी अफसान गुरु और डीयू में अरबी का लेक्चरार SAR गिलानी था. कोर्ट ने अफसान को रिहा कर दिया जबकि गिलानी, शौकत और अफजल को मौत की सजा सुनाई. गिलानी को 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा "सबूतों के अभाव" में बरी कर दिया गया. साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने शौकत को 10 साल की सजा सुनाई जबकि 2013 में अफजल गुरु को फांसी की सजा दी गई.
10:49 AM IST