ICICI Loan Fraud: पूर्व CEO चंदा कोचर और पति दीपक को बड़ी राहत! बॉम्बे HC से मिली रिहाई की अनुमति
ICICI Loan Fraud: देश के सबसे बड़ी निजी बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को गिरफ्तारी के बाद अब बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. यहां जानिए कि कोर्ट ने क्या कहा है.
ICICI Loan Fraud: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ (CEO) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Hight Court) ने ICICI बैंक-वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी (ICICI-Videocon Loan Fraud Case) मामले में CBI की गिरफ़्तारी के बाद ICICI की पूर्व CEO चंदा कोचर और दीपक कोचर को न्यायिक हिरासत से रिहा करने की अनुमति दे दी है. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि CBI की ओर से की गई गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं है, इसलिए इस मामले में चंदा और दीपक कोचर को रिहाई की अनुमति दी गई है.
चंदा कोचर ने दी थी चुनौती
बता दें कि ICICI की पूर्व CEO चंदा कोचर और दीपक कोचर ने सीबीआई की गिरफ्तारी की चुनौती दी थी, जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये आदेश सुनाया है और एक-एक लाख के मुचलके पर छोड़ने का आदेश दिया है. बता दें कि कुछ दिन पहले सीबीआई ने चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तारी की थी. हालांकि सीबीआई ने इसका विरोध किया है.
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वीडियोकॉन लोन वाले मामले में की थी गिरफ्तारी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 23 दिसंबर को आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को वीडियोकॉन (Videocon) धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया. उन्हें वीडियोकॉन को स्वीकृत लोन से जुड़ी एजेंसी की चल रही जांच में गिरफ्तार किया गया है, जब कोचर प्राइवेट बैंक की एमडी और सीईओ थी. बता दें कि सीबीआई कोचर के खिलाफ आपराधिक साजिश और पद के दुरूपयोग के मामले की जांच कर रही है.
ICICI bank-Videocon loan fraud case | Bombay High Court allows release of former ICICI CEO Chanda Kochhar and Deepak Kochhar from judicial custody after CBI arrest.
— ANI (@ANI) January 9, 2023
"Arrest not in accordance with the law," the Court observes. pic.twitter.com/t7luYN5Fsr
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क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 59 वर्षीय चंदा कोचर ने अक्टूबर 2018 में आरोपों के सामने आने के बाद आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप का पक्ष लिया और लोन जारी करने के लिए नियमों को दरकिनार किया था.
बता दें कि बैंक की ओर से कंपनी को 3250 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया था. सीबीआई ने 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को दी गई लोन की राशि में चंदा कोचर पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. हालांकि लोन बाद में आईसीआईसीआई बैंक के लिए नॉन-परफॉर्मिंग एसेट(NPA) बन गया.
11:41 AM IST