पूरे देश में बैन होगी ई-सिगरेट, इसका इस्तेमाल माना जाएगा ड्रग्स का सेवन
ड्रग कंसल्टेटिव कमेटी की मीटिंग में ई-सिगरेट और ऐसी अन्य कई डिवाइस को ड्रग एंड कॉस्मैटिक ऐक्ट 1940 (डीसीए) के सेक्शन 3(b) के तहत ड्रग घोषित करने पर सहमति हुई.
केंद्र सरकार देश में ई-सिगरेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने जा रही है, साथ ही ई-सिगरेट को ड्रग्स की श्रेणी में डालने की तैयारी की जा चुकी है.
केंद्र सरकार देश में ई-सिगरेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने जा रही है, साथ ही ई-सिगरेट को ड्रग्स की श्रेणी में डालने की तैयारी की जा चुकी है.
अगर आप ई-सिगरेट पीते हैं तो फौरन इससे दूरी बना लें क्योंकि, सरकार ने ई-सिगरेट यानी इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट को अब 'ड्रग्स' की श्रैणी में शामिल कर लिया है. सरकार देशभर में इसको बैन करने भी जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सेहत पर इसके खतरनाक असर को देखते हुए ई-सिगरेट को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है. इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जल्द ही जारी कर दिया जाएगा.
हाल ही में हुई ड्रग कंसल्टेटिव कमेटी की मीटिंग में ई-सिगरेट और ऐसी अन्य कई डिवाइस को ड्रग एंड कॉस्मैटिक ऐक्ट 1940 (डीसीए) के सेक्शन 3(b) के तहत ड्रग घोषित करने पर सहमति हुई.
ई-सिगरेट जिसे Electronic nicotine delivery system (ENDS) कहा जाता है फिलहाल, बाज़ार में इसके कई ऐसे प्रॉडक्ट के रूप में बेचा जा रहा है जो लोगों को धुम्रपान छुड़वाने में मदद करती है. इसी कारण युवाओं के बीच ई-सिगरेट काफी लोकप्रिय भी है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
लेकिन असलियत ये है कि ई-सिगरेट भी सेहत पर बुरा असर डालती है. यह डिवाइस तंबाकू को नहीं जलती, बल्कि इसमें लिक्विड निकोटीन सॉल्यूशन से धुआं उड़ाने के लिए हीटिंग डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है. इस धुएं को सिगरेट पीने वाला सांस के साथ अंदर लेता है जो कि बहुत ही हानिकारक है.
सरकारी आंकड़ों की मानें तो देश में ई-सिगरेट के 460 ब्रांड मौजूद हैं, जिसमें 7,700 से भी ज्यादा फ्लेवर की ई-सिगरेट मिलती हैं. ENDS के तहत ई-सिगरेट, हीट-नॉट बर्न डिवाइस, वेप, ई-शीशा, ई-निकोटीन, फ्लेवर्ड हुक्का और ऐसे अन्य प्रोडक्ट्स आते हैं. हालांकि सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद एक्ट के तहत सरकार ऐसे प्रोडक्ट्स को बैन नहीं कर सकती है, सिर्फ उनकी बिक्री पर नियंत्रण लगा सकती है. ऐसे में सरकार को कई कानूनी बदलाव करने होंगे जिससे ई-सिगरेट पर बैन लगाया जा सके.
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत भारत में ई-सिगरेट को "ड्रग" घोषित किया जा सकता है . धारा 26-ए सरकार को ड्रग्स या कास्मेटिक पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देती है जिससे किसी व्यक्ति को नुक्सान होने की सम्भावना हो.
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने भी पाया है कि ई-सिगरेट से मस्तिष्क की कोशिकाओं (Brain Stem Cells) को नुकसान पहुंच सकता है. ई -सिगरेट कोशिकाओं में तनाव पैदा करता है. स्टेम सेल्स ऐसी खास कोशिकाएं होती हैं, जो मस्तिष्क, रक्त और अस्थि कोशिकाओं के तौर पर विशिष्ट कार्य करती हैं. यदि कोई व्यक्ति थोड़े समय के लिए भी ई-सिगरेट का इस्तेमाल करता है तो इससे यह कोशिकाएं खत्म हो सकती हैं.
(रिपोर्ट- वरुण भसीन/नई दिल्ली)
02:22 PM IST