बिजली उत्पादन के साथ ही इस तरीके से प्रदूषण की समस्या से भी निपटेगा एनटीपीसी
हवा में प्रदूषण का स्तर घटाने के साथ ही कार्बन और ग्रीन हाउस गैसों को उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए एनटीपीसी की ओर से एक प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत एनटीपीसी जल्द ही अपने कोल आधारित बिजली उत्पादन प्लांटों में कोयले के साथ लकड़ी का बुरादा, जंगल का कचरा, फसलों के अवशेष जैसे बायोमास को मिला कर जलाना शुरू करेगा.
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बिजली उत्पादन में कृषि अवशेषाें का भी होगा प्रयोग (फाइल फोटो)
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बिजली उत्पादन में कृषि अवशेषाें का भी होगा प्रयोग (फाइल फोटो)
हवा में प्रदूषण का स्तर घटाने के साथ ही कार्बन और ग्रीन हाउस गैसों को उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए एनटीपीसी की ओर से एक प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत एनटीपीसी जल्द ही अपने कोल आधारित बिजली उत्पादन प्लांटों में कोयले के साथ लकड़ी का बुरादा, जंगल का कचरा, फसलों के अवशेष जैसे बायोमास को मिला कर जलाना शुरू करेगा. एनटीपीसी के इस प्रयोग से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी की संभावना जताई जा रही है. खरबों के अनुसार कोयले के साथ 03 से 15 फीसदी तक बायोमास को मिला का जलाने की योजना पर काम किया जा रहा है.
किसानों को भी होगा फायदा
खबरों के अनुसार जल्द ही एनटीपीसी के प्लांट कड़ी का बुरादा, जंगल का कचरा, फसलों के अवशेष जैसे जैव इंधन को खरीदने के लिए बड़े पैमाने पर टेंडर जारी करने की योजना पर काम कर रहे हैं. इस योजना के पीछे ये भी उद्देश्य है कि किसान अपने खेतों में फसलों के अवशेषों को जलाने की बजाए उसे एनटीपीसी को दे दें. इससे जहां किसानों को कुछ आय होगी वहीं एनटीपीसी के कोयले की खपत में भी कुछ कमी आएगी.
TRENDING NOW
जैव इंधन के प्रयोग से घटेगा प्रदूषण
मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रीन्यूबल एनर्जी के साथ मिल कर आईआईएससी बंगलुरू ने देश का एक बायोमास रिसोर्स ऐटलेस तैयार किया है. 2002-2004 में किए गए एक सर्वे के अनुसार हर साल देश में लगभग 1.45 करोड़ टन बायोमास बेकार चला जाता है. इसका प्रयोग कर साल में लगभग 18728 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है. कई शोध में यह स्पष्ट हुआ है कि कोयले के साथ यदि बायोमास को मिला कर जलाया जाता है तो ग्रीन हाउस गैस व कार्बन के उत्सर्जन में भी कमी आती है. ऐसे में एनटीपीसी के इस प्रयास से प्रदूषण घटाने में भी मदद मिलेगी.
01:05 PM IST