अधूरे प्रोजेक्ट्स में घर खरीदने जा रहे हैं तो सावधान, आ सकती है बड़ी मुसीबत, जानिए वजह
पिछले कुछ सालों से रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट में देरी, कई मुदकमे, ऋण के पुनर्भुगतान में देरी की वजह से निवेशकों, प्राइवेट इक्विटी फंड और बैंक ने अपने हाथ खींचे हैं. ऐसे में डेवलपर्स के पास फंड की भारी किल्लत है.
डेवलपर के लिए एनबीएफसी ही एक मात्र सहारा थीं, जो खुद ही संकट में हैं. ऐसे में प्रोजेक्ट में देरी होना तय है.
डेवलपर के लिए एनबीएफसी ही एक मात्र सहारा थीं, जो खुद ही संकट में हैं. ऐसे में प्रोजेक्ट में देरी होना तय है.
अगर आप निकट भविष्य में घर खरीदना चाह रहे हैं तो आपको इस बड़े फैसले से पहले सोचना होगा. अगर आप तैयार घर ले रहे हैं तो ठीक, लेकिन अगर आप निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में बुकिंग या घर लेना चाह रहे हैं तो अभी के समय में आपको विशेष तौर पर सतर्कता बरतनी होगी. दरअसल, रीयल एस्टेट क्षेत्र जो पिछले चार-पांच सालों से सुस्ती के दौर से गुजर रहा है, की हालत हाल में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के संकट ने और खराब कर दी है. ऐसे में अगर आप अधूरे प्रोजेक्ट में पैसा लगाएंगे तो आपका पैसा फंस सकता है और लंबा इंतजार भी करना पड़ सकता है.
निर्माणाधीन घर खरीदने से अभी बचें
वर्तमान समय में देश में कई एनबीएफसी कंपनियां तरलता के संकट से गुजर रही हैं. कई एनबीएफसी कंपनियां तरलता के मुद्दों का सामना कर रही हैं और उधारदाताओं को भुगतान करने में असमर्थ हैं क्योंकि उन्होंने उधारकर्ताओं को उस अवधि की तुलना में लंबी अवधि के लिए ऋण दिया है, जिसके लिए उन्होंने स्वयं उधार लिया था. ऐसे में यह स्वाभाविक है कि इसका असर निर्माणाधीन प्रोजेक्ट और आने वाले नए प्रोजेक्ट पर पड़ेगा. जाहिर तौर पर प्रोपर्टी के दाम फिर प्रभावित होंगे. इसलिए अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो इसका फैसला काफी सोच-विचार कर करें.
निष्पादन का है जोखिम
बिल्डर या डेवलपर अपने रियल्टी प्रोजेक्ट के लिए धन जुटाने के लिए निवेशकों, प्राइवेट इक्विटी फंड और बैंक की मदद लेते हैं. एक रीयल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म का कहना है लेकिन पिछले कुछ सालों से रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट में देरी, कई मुदकमे, ऋण के पुनर्भुगतान में देरी की वजह से ये तमाम माध्यम ने अपने हाथ खींचे हैं. ऐसे में डेवलपर्स के पास फंड की भारी किल्लत है. हाल के समय में डेवलपर के लिए NBFC ही एक मात्र सहारा थीं, जो खुद ही संकट में हैं. ऐसे में प्रोजेक्ट में देरी होना तय है.
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कीमत पर असर
कई डेवलपर्स के लिए कैश का प्रवाह बढ़ाने के लिए उन्हें अपने तैयार घरों को हर हाल में बेचना होगा. ऐसे में घरों की कीमत कम करना डेवलपर के लिए मददगार हो सकता है. जानकारों का मानना है कि कुछ डेवलपर इसके लिए तैयार हो रहे हैं. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, जानकारों का मानना है कि अगले 12-18 महीनों में रीयल एस्टेट में कीमतों में बढ़ोतरी देखने को नहीं मिलेगी.
आपको ये करना चाहिए
रीयल एस्टेट के जानकारों का कहना है कि अगर आप निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में घर लेते हैं तो इसका खामियाजा आपको ही भुगतना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में प्रोजेक्ट में देरी होनी ही होनी है. ऐसे में उपभोक्ता को किराया भी भऱना होगा और लोन की किस्त भी देनी होगी. समझदारी इसी में है कि आप निकट भविष्य में घर खरीदने की तैयारी में हैं तो रेडी टू मूव इन प्रोपर्टी में घर लें या किसी जाने-माने बिल्डर से वैसा घर लें जो बिल्कुल तैयार होने को है. रेडी टू मूव इन घर खरीदने के कई फायदे भी हैं.
11:52 AM IST