Bitcoin के नाम पर लगा दिया 200 करोड़ रुपए का चूना, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जैसी ऐप दिखाकर दिया ठगी को अंजाम
Bitcoin Scam: बिटकॉइन स्कैम में ठग सबसे पहले एक ऐसा ऐप बनाते हैं, जो् क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जैसा दिखता है. इस ऐप को देखकर लोगों को लगता है कि यही बिटकॉइन का एक्सचेंज है.
Bitcoin Scam: मुंबई पुलिस ने बिटकॉइन के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह को पकडा है. ये गिरोह बिटकॉइन मे पैसा लगाकर लाखों कमाने का लालच देता था. अब तक इसने 250 से ज्यादा लोगो को चुना लगाकर 200 करोड़ से भी ज्यादा रुपया उड़ा लिए हैं. फिलहाल, पुलिस इस मामले से जुड़े बाकी लोगो की तलाश कर रही है.
लोगों की डिजिटल दुनिया में निर्भरता बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे क्राइम का तरीका भी बदल रहा है. अब क्रिमिनल डिजिटल अंदाज में क्राइम को अंजाम दे रहे हैं. अभी तक आपने साइबर क्राइम के कई सारे तरीके देखे या सुने होंगे. लेकिन, अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं, आप उसे ध्यान से समझिए अगर आपको बिटकॉइन माइनिंग के नाम पर किसी भी तरह का कॉल आता है तो सावधान हो जाइए. क्योंकि, हो सकता है कि आप किसी ठग का शिकार बनने जा रहे हो. दरअसल, साइबर क्राइम में अब ठगी का एक नया तरीका शुरू हो गया है. बिटकॉइन के नाम पर ठगी हो रही है. ऐसा ही मामला मुंबई में एक शख्स के साथ हुआ, जिससे बिटकॉइन माइनिंग के नाम पर करीब ढाई लाख रुपए की ठगी की गई.
250 लोगों से चुराए 200 करोड़ रुपए
मामला जब पुलिस के पास पहुंचता है और पुलिस की छानबीन करती है, तो पता चलता है कि बिटकॉइन के नाम पर इस गिरोह ने करीब 200 करोड़ की ठगी की है. इसके लिए गिरोह ने अलग-अलग बैंकों में 11 अकाउंट खुलवाए थे. अभी तक ये शातिर गिरोह 250 से भी ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है. जानकारों का मानना है कि पुलिस को चकमा देने के लिए और लोगों को फंसाने के लिए क्रिमिनल हमेशा अपना पैटर्न और क्राइम का अंदाज बदलते रहते हैं. पुलिस का कहना है कि इसलिए लोगों को किसी भी चीज में इन्वेस्ट करने से पहले उसके बारे में जांच पड़ताल करनी चाहिए नहीं तो वह आसानी से ऐसी ठगी का शिकार बन सकते हैं.
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कैसे होता था फ्रॉड?
दरअसल, यह गिरोह पहले लोगों को एक मैसेज भेजता था. इसमें बताया जाता था कि अगर आप बिटकॉइन में इन्वेस्ट करेंगे तो दो सौ परसेंट तक का मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके लिए वह मैसेज के साथ एक ऐप लिंक भी भेजते थे. इसके बाद एक वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए इन्वेस्टर्स को जोड़ा जाता है, जिसमें इन्वेस्टर को अपना बढ़ता हुआ पैसा दिखता था. इसी लालच में आकर इन्वेस्टर और पैसा लगाते थे. इसमें एक शर्त यह भी रखी गई थी कि आप बढ़ते हुए पैसे को 38 दिन बाद ही निकाल सकते हैं. इसके बाद धीरे-धीरे लोगों ने अपने बढ़ते हुए पैसे को देखकर पैसा लगाना शुरू किया और जैसे ही दिन पूरे हुए वैसे ही इस गिरोह ने उस ऐप को डिलीट कर दिया.
क्रिप्टोकरेंसी जैसा ऐप और खेल शुरू...
साइबर एक्सपर्ट प्रशांत माली ने बताया कि बिटकॉइन स्कैम में ठग सबसे पहले एक ऐसा ऐप बनाते हैं, जो् क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जैसा दिखता है. इस ऐप को देखकर लोगों को लगता है कि यही बिटकॉइन का एक्सचेंज है. इसके बाद लोग पैसा लगाते हैं और ठगे जाते हैं. अगर इससे बचना है तो आपको जो सही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हैं, उनको फॉलो करना चाहिए और क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी होने के बाद ही उस पर पैसा लगाएं.
05:22 PM IST