क्या होता है रोड सेस? 1998 में पेट्रोल-डीजल पर सिर्फ ₹1 लगता था, आज चुकाने होते हैं ₹18
केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस बढ़ा दिया है. डीजल पर 5 एक्साइज ड्यूटी और पेट्रोल पर 2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है.
पेट्रोल-डीजल पर कई तरह के टैक्स लगते हैं. इनमें रोड सेस भी लगाया जाता है.
पेट्रोल-डीजल पर कई तरह के टैक्स लगते हैं. इनमें रोड सेस भी लगाया जाता है.
महामारी कोरोनावायरस (Covid-19 Pandemic) की वजह से देश में हुए लॉकडाउन के चलते पेट्रोल-डीजल के दाम थमे हुए हैं. 50 दिन बीतने पर भी देश के ज्यादातर राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं. लेकिन, दिल्ली और पंजाब में वैट बढ़ा दिया गया है. जिसकी वजह से यहां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में थोड़ा इजाफा देखने को मिला है. अब केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस बढ़ा दिया है. डीजल पर 5 एक्साइज ड्यूटी और पेट्रोल पर 2 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है. लेकिन, रोड सेस को 8-8 रुपए दोनों ईंधन पर बढ़ा दिया गया है. इस बढ़ोतरी के साथ ही अब पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला रोड सेस 18 रुपए हो गया है. लेकिन, क्या आप जानते भी हैं कि यह रोड सेस है क्या?
सरकार के खाते में जाती है कमाई
पेट्रोल-डीजल पर कई तरह के टैक्स लगते हैं. इनमें रोड सेस भी लगाया जाता है. पेट्रोल खरीदते वक्त आप एक बड़ा हिस्सा रोस सेस के रूप में चुकाते हैं, जो एक तरह का टैक्स ही है. पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले इस रोड सेस से तेल कंपनियों को कोई कमाई नहीं होती, न ही रिटेलर इससे कमाते हैं. बल्कि यह पूरी कमाई सरकार के खाते में जाती है. लेकिन
क्यों और कब से लग रहा है रोड सेस?
रोड सेस रोड सेस की शुरुआत 1998 में हुई थी. पहले इसे सिर्फ पेट्रोल पर लगाया जाता है. हालांकि, 1999 में इसे डीजल पर भी लगाया जाने लगा. रोड सेस से होने वाली कमाई का इस्तेमाल देश में सड़क, ब्रिज, अंडरपास बनाने के लिए किया जाता है. सरकार इसे पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल करने वालों से वसूलती है. मतलब इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है. एक वक्त था, जब सरकार सिर्फ 1 रुपए रोड सेस वसूलती थी. लेकिन, धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाता रहा. आज एक लीटर पेट्रोल-डीजल खरीदते वक्त 18 रुपए प्रति लीटर तक चुकाने पड़ते हैं.
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कभी 1 रुपए था रोड सेस
1998 में जब रोड सेस की शुरुआत हुई तो एक लीटर पर सिर्फ 1 रुपए वसूला जाता था. अप्रैल 2003 में पहली बार रोड सेस में 50 पैसे की बढ़ोतरी हुई. अप्रैल 2005 में फिर से 50 पैसे की बढ़ोतरी की गई. 2005 तक यह 2 रुपए प्रति लीटर वसूला जाने लगा. इसके बाद धीरे-धीरे इसमें बढ़ोतरी होती रही.
दो साल में 12 रुपए बढ़ा रोड सेस
जनवरी 2018 तक रोड सेस बढ़कर 6 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया. फरवरी 2018 में रोड सेस को दोबारा बढ़ाया गया और 2 रुपए की बढ़ोतरी के साथ यह 8 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया. 2019 के बजट में इसमें एक बार फिर 1 रुपए की बढ़ोतरी हुई और सेस 9 रुपए हो गया. 14 मार्च 2020 को केंद्र सरकार ने फिर 1 रुपए रोड सेस बढ़ाया, जो 10 रुपए प्रति लीटर हो गया. अब महामारी के दौर में एक बार फिर रोज सेस में 8 रुपए प्रति लीटर की सबसे बड़ी बढ़ोतरी की गई है. अब पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर 18 रुपए सिर्फ रोड सेस देना होगा.
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दिल्ली में पेट्रोल 71.26 रुपए प्रति लीटर
वैट बढ़ने से दिल्ली में पेट्रोल 1.67 रुपए और डीजल 7.10 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है. अब राजनाधी में पेट्रोल की कीमत 69.59 रुपए से बढ़कर 71.26 रुपए प्रति लीटर हो गई. इसी प्रकार से डीजल की कीमत 62.29 रुपए से बढ़कर 69.39 रुपए प्रति लीटर हो गई है.
कितना लगेगा VAT
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक, दिल्ली में अब पेट्रोल पर अब वैट बढ़कर 16.44 रुपए प्रति लीटर हो गया है. वहीं, डीजल पर वैट 16.26 रुपए प्रति लीटर हो गया है. दिल्ली में अब पेट्रोल पर 27 फीसदी के बजाए 30 फीसदी और डीजल पर 16.75 फीसदी के बजाय 30 फीसदी वैट लग रहा है.
11:35 AM IST