लोगों को मिलेगी राहत, कम हो सकती है EMI, ब्याज दर में कटौती कर सकता है रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करेगी. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहली मौद्रिक समीक्षा होगी.
भारतीय रिजर्व बैंक गुरुवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है. (Photo- HDFC Bank)
भारतीय रिजर्व बैंक गुरुवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है. (Photo- HDFC Bank)
नई सरकार के गठन के बाद देश का शीर्ष बैंक आम लोगों को कुछ राहत दे सकता है. आरबीआई अपनी ब्याज दरों में कटौती करके आम आदमी को होम लोन आदि की किस्तों में होने वाली कटौती को कम कर सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक गुरुवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है. यदि केंद्रीय बैंक ऐसा करता है तो यह लगातार तीसरा मौका होगा जबकि वह ब्याज दर घटाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि 2018-19 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है जिसके मद्देनजर रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बढ़ी है.
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करेगी. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहली मौद्रिक समीक्षा होगी. पिछली दो बैठकों में भी एमपीसी नीतिगत दरों में चौथाई-चौथाई प्रतिशत की कटौती कर चुकी है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली एमपीसी की तीन दिन की बैठक चार जून से शुरू होगी.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी हालिया शोध रिपोर्ट में कहा था कि रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में अधिक बड़ी कटौती करनी होगी, 0.25 प्रतिशत से अधिक, जिससे अर्थव्यवस्था में सुस्ती को रोका जा सके.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती को जारी रखना होगा. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता सामान खंड में उत्पादन और बिक्री में कमी को दूर करने की जरूरत है. यात्री कारों, दोपहिया और गैर टिकाऊ सामान क्षेत्र में बिक्री में वृद्धि की जरूरत है.
कोटक महिंद्रा बैंक की अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग) शान्ति एकाम्बरम ने कहा कि रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दरों में कटौती की दृष्टि से वृहद वातावरण अनुकूल है. उन्होंने कहा, ‘‘हम तरलता बढ़ाने के उपाय और ब्याज दरों में कटौती दोनों की उम्मीद कर रहे हैं. ब्याज दरों में कटौती चौथाई से आधा प्रतिशत हो सकती है.
(इनपुट भाषा से)
04:12 PM IST