FY25 के लिए बेहतर दिख रही तस्वीर, 7.4% GDP Growth का अनुमान, 4.4% पर रह सकती है खुदरा महंगाई
RBI के मासिक बुलेटिन वित्त वर्ष 2024-25 के लिए GDP Growth अनुमान को बढ़ाया गया है. अनुमान लगाया गया है कि FY25 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.4% रह सकती है.
केंद्रीय रिजर्व बैंक RBI की ओर से आज मंगलवार को मासिक बुलेटिन रिलीज किया गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 के लिए GDP Growth अनुमान को बढ़ाया गया है. अनुमान लगाया गया है कि FY25 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.4% रह सकती है. इसके पहले फरवरी पॉलिसी में आरबीआई ने इस अवधि के लिए अनुमान को 7% पर रखा था. हालांकि, बुलेटिन के विचार स्वयं आरबीआई के नहीं हैं. लेकिन बुलेटिन में आंकड़ों के हिसाब से अगले वित्त वर्ष के लिए स्थितियां बेहतर दिखाई दे रही हैं.
बुलेटिन के मुताबिक, FY25 में CPI (Consumer price index) यानी खुदरा महंगाई के 4.4% पर रहने का अनुमान है. इसमें कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष के अप्रैल से सितंबर में रिटेल मंहगाई कम देखने को मिली. उधर, फाइनेंशियल सेक्टर की बैलेंस शीट मजबूत और बेहतर हुई है.
क्या FY25 की तिमाहियों के लिए अनुमान?
RBI Bulletin में FY25 के साथ तिमाहियों का अनुमान भी जारी किया गया है.
GDP Growth पर क्या है अनुमान
TRENDING NOW
Q1:2024-25- 8.1%
Q2:2024-25 6.6%
Q3:2024-25 8.0%
Q4:2024-25 7.1%
FY 2024-25 7.4%
महंगाई दर पर क्या है अनुमान?
Q1:2024-25- 4.7%
Q2:2024-25 4.4%
Q3:2024-25 4.3%
Q4:2024-25 4.3%
FY 2024-25 4.4%
महंगाई को 4% से नीचे लाने में कहां आ रहीं मुश्किलें?
मुद्रास्फीति को तेजी से घटाकर चार प्रतिशत तक लाने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लक्ष्य की दिशा में खाद्य कीमतें बाधा बन रही हैं. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर से घट रही है और फरवरी में यह 5.09 प्रतिशत थी. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अगुवाई में एक टीम ने अपने लेख में कहा, ''भले ही प्रमुख मुद्रास्फीति में व्यापक नरमी के साथ महंगाई लगातार घट रही है, लेकिन खाद्य कीमतों के दबाव के चलते इसे तेजी से चार प्रतिशत पर लाने में बाधा पैदा हो रही है.''
आगे कैसी दिख रही है स्थिति?
लेख में आगे कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गति खो रही है और कुछ सबसे जुझारू अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि धीमी है. उच्च आवृत्ति संकेतक आने वाले समय में इसके और सुस्त होने की ओर इशारा कर रहे हैं. भारत में वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर छह तिमाही के उच्चस्तर पर थी. लेख में कहा गया कि आगे चलकर संरचनात्मक मांग और स्वस्थ कॉरपोरेट और बैंकों के बही-खाते से वृद्धि को गति मिलेगी. केंद्रीय बैंक ने कहा कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और आरबीआई के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.
05:11 PM IST