राकेश झुनझुनवाला ने देश की विकास दर को लेकर कही बड़ी बात, इन फैसलों को सराहा
Rakesh Jhunjhunwala: झुनझुनवाला ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे सुधारों को लागू करके एक अपराध किया है, इसका वास्तविक लाभ अब दिखना शुरू हो जाएगा.
राकेश झुनझुनवाला (रॉयटर्स)
राकेश झुनझुनवाला (रॉयटर्स)
शेयर बाजार के बेताज बादशाह राकेश झुनझुनवाला ने देश की आर्थिक तरक्की को लेकर काफी आशान्वित हैं. उनका कहना है कि भारत अगले 10 साल में पिछले 10 साल की वृद्धि दर से काफी आगे निकल जाएगा. यह जीएसटी, नोटबंदी और अन्य आर्थिक सुधारों के बाद होने वाले असर की वजह से संभव हो सकेगा. उन्हें आने वाले दशक में पूंजीगत व्यय और विदेशी निवेश में भारी वृद्धि की भी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि माल और सेवा कर (GST) और विमुद्रीकरण का सबसे बुरा प्रभाव हमारे पीछे पड़ा है और अब इन सुधारों के अच्छे प्रभावों का आनंद लेने का समय है, जो आगे चल रहे सकल घरेलू उत्पाद में देखने को मिलेगा.
झुनझुनवाला ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे सुधारों को लागू करके एक अपराध किया है, इसका वास्तविक लाभ अब दिखना शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी को भी इस हकीकत से पीछे नहीं हटना चाहिए कि भारत अधिक तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, 'हम ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जहां विवेकाधीन खर्च ऊंचाई को छूने वाला है. मुझे लगता है कि लोग शेयरों में विश्वास करते हैं लेकिन वे अर्थव्यवस्था में विश्वास नहीं करते हैं.
विदेशी संस्थागत निवेश के निरंतर प्रवाह पर उन्होंने कहा कि वह विश्व स्तर पर शेयर बाजारों में हाल की रैली से आश्चर्यचकित हैं. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस वर्ष 2018 में 32,600 करोड़ रुपये की निकासी के खिलाफ भारतीय इक्विटी में 61,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. “हमें यह स्वीकार करना होगा कि कम ब्याज दर रहने से अधिक पैसा इक्विटी में आ गया है, जिसके परिणामस्वरूप पीई अधिक है. मुझे लगता है कि इसीलिए भारत उभरते हुए बाजार मुद्रा और विकास के लिहाज से बेहतर स्थिति में है.
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फार्मा सेक्टर पर अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने कहा, “भारतीय फार्मा बाजार में तेजी से विकास हुआ है. फार्मा ऐसा बाजार नहीं है जहां मांग घट सकती है. आपको पता ही होगा कि अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली सभी दवाओं का 40-45 फीसदी हिस्सा भारत में बनता है. मुझे लगता है कि यह एक उगते सूरज जैसा उद्योग है, यह यहां सूर्यास्त नहीं होगा.
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इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, झुनझुनवाला ने कहा कि अगले दशक में, भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार का प्रदर्शन कहीं बेहतर होगा. उनका कहना है कि बीता दशक आंशिक रूप से एक खोया हुआ दशक था. एक रिपोर्ट में झुनझुनवाला के हवाले से यह भी कहा गया है कि एक अन्य कारक जिसको लेकर वह चिंतित हैं, वह पाकिस्तान द्वारा परमाणु हमले की संभावना है, उस देश में पर्याप्त दुष्ट तत्व हैं जो एन-बटन का उपयोग करने में संकोच नहीं कर सकते.
12:12 PM IST