अगले महीने लोनधारकों को मिल सकती है राहत, SBI रिसर्च ने रेपो रेट बढ़ोतरी पर कही ये बात
RBI Repo Rate: एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि RBI अपनी एमपीसी की अगले हफ्ते की बैठक के दौरान रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी पर रोक लगा सकता है. अप्रैल में रुकने के लिए उसके पास काफी कारण हैं.
आरबीआई अगले महीने रोक सकता है रेपो रेट बढ़ोतरी. (Image- Reuters)
आरबीआई अगले महीने रोक सकता है रेपो रेट बढ़ोतरी. (Image- Reuters)
RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 3 अप्रैल से शुरू होने वाली है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट (Repo Rate) में 0.25% की एक और बढ़ोतरी का फैसला कर सकता है. रेपो रेट में बढ़ोतरी की आशंका के बीच एसबीआई रिसर्च (SBI Research) की रिपोर्ट ने लोनधारकों को बड़ी राहत दी है. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि RBI अपनी एमपीसी की अगले हफ्ते की बैठक के दौरान रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी पर रोक लगा सकता है. ऐसा होने पर लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिलेगी.
अप्रैल में रुक सकती है रेपो रेट में बढ़ोतरी
एसबीआई रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा- हमें उम्मीद है कि आरबीआई अप्रैल में नीति को रोक देगा. अप्रैल में रुकने के लिए उसके पास काफी कारण हैं. अफोर्डेबल हाउसिंग लोन मार्केट में भारी मंदी की चिंताएं और वित्तीय स्थिरता की चिंताएं प्रमुख स्थान ले रही हैं, एसबीआई की शोध रिपोर्ट का शीर्षक एमपीसी बैठक की प्रस्तावना (प्रिल्यूड टू एमपीसी मीटिंग) है.
ये भी पढ़ें- 35 हजार की नौकरी छोड़ महिला ने शुरू किया ये काम, अब सालाना कर रही ₹40 लाख का बिजनेस
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आरबीआई एमपीसी की बैठक 3 से 5 अप्रैल के बीच होने वाली है. एसबीआई (SBI) की रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि स्टिकी कोर मुद्रास्फीति पर चिंता उचित है, यह ध्यान दिया जा सकता है कि पिछले दशक में औसत कोर इनफ्लेशन 5.8% पर है और यह लगभग संभावना नहीं है कि मुख्य मुद्रास्फीति भौतिक रूप से 5.5% और नीचे गिर सकती है चूंकि स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च में महामारी के बाद बदलाव और ईंधन की कीमतों के उच्च स्तर पर बने रहने के साथ ट्रांसपोर्ट इनफ्लेशन का घटक बाधा के रूप में कार्य करेगा.
ग्लोबल इकोनॉमिक सिनारियो पर कमेंट करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में घोषित फेड बैंक टर्म फंडिंग प्रोग्राम विंडो से बैंक उधारी से पता चलता है कि एक बड़े बैंक संक्रमण की आशंका कम हो रही है, हालांकि बड़े बैंकों की कीमत पर छोटे बैंकों की जमा राशि में गिरावट जारी है. एसबीआई की शोध रिपोर्ट में कहा गया- ऐसा लगता है कि छोटे बैंक किसी भी डिपॉजिट रन पर काबू पाने के लिए फेड से कर्ज ले रहे हैं. इस प्रकार, वैश्विक परिस्थितियां अभी भी विकसित और तरल हैं.
6.50% पर पहुंचा रेपो रेट
आपको बता दें कि महंगाई पर काबू पाने के लिए RBIने मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है. इस दौरान रेपो रेट 4% से बढ़कर 6.50% पर पहुंच चुकी है. गत फरवरी में संपन्न पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी की गई थी.
ये भी पढ़ें- तूर दाल की जमाखोरी पर नकेल, सरकार ने दाम काबू में रखने के लिए उठाया यह बड़ा कदम
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
(पीटीआई इनपुट के साथ)
09:21 PM IST