करेंट अकाउंट डेफिसिट में तेजी संभव, सितंबर तिमाही में जीडीपी के 5 फीसदी पर पहुंचने की आशंका
Current Account Deficit: आयात में उछाल के कारण भारत के ट्रेड डेफिसिट में तेजी आ रही है. इसका असर करेंट अकाउंट डेफिसिट पर होगा. सितंबर तिमाही में इसके जीडीपी के 5 फीसदी पर पहुंचने की आशंका जताई गई है.
India Current Account Deficit: घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने आशंका जताई है कि देश का चालू खाते का घाटा (CAD) जुलाई-सितंबर की तिमाही में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (India GDP) के पांच फीसदी पर पहुंच जाएगा. व्यापार घाटे के लगातार बढ़ने से चालू खाते का घाटा बढ़ना तय है. अगस्त में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 28.68 अरब डॉलर हो गया है. इसकी वजह आयात में 36.8 फीसदी की वृद्धि होने के साथ निर्यात में 1.2 फीसदी की गिरावट आना भी है. इक्रा रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा अबतक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने के पूरे आसार हैं.
जून तिमाही में CAD 30 बिलियन डॉलर रहा
इसके मुताबिक, ‘‘पहली तिमाही में कैड 30 अरब डॉलर रहा है लेकिन दूसरी तिमाही में यह 41-43 अरब डॉलर तक जा सकता है. यह जीडीपी का पांच फीसदी होगा जो वित्त वर्ष 2011-12 की तीसरी तिमाही के बाद दूसरा सर्वाधिक स्तर होगा.’’ दूसरी तिमाही के पहले दोनों महीनों (जुलाई-अगस्त) में मासिक औसत व्यापार घाटा 29.3 अरब डॉलर रहा है जबकि पहली तिमाही में यह औसत 23.5 अरब डॉलर रहा. घरेलू मांग बढ़ने से आयात में आई तेजी और वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों के नरम रहने से निर्यात सुस्त रहने से व्यापार घाटा बढ़ा है.
निर्यात में उछाल से स्थिति बेहतर होगी
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इक्रा का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कैड के कम होकर जीडीपी के 2.7 फीसदी पर आने का अनुमान है. जिंस कीमतों में कमी आने और निर्यात बढ़ने की संभावना से स्थिति सुधरेगी. हालांकि, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की स्थिति बनने पर दूसरी छमाही में भी माल एवं सेवाओं का निर्यात प्रभावित हो सकता है.
120 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है करेंट अकाउंट डेफिसिट
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाते का घाटा 120 अरब डॉलर (जीडीपी का 3.5 फीसदी) के अबतक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 38.7 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.2 फीसदी) रहा था.
07:38 PM IST