नौकरी वालों के लिए बड़ी खुशखबरी! बदलेगा इनकम टैक्स स्लैब, 5 लाख तक आय होगी टैक्स फ्री
सैलरीड क्लास यानी नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स में अभी भी कोई राहत नहीं दी गई है. लेकिन, इस मामले में आपको जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है.
देशभर में अच्छी खबरों का दौर चल रहा है. कॉरपोरेट टैक्स में राहत, विदेशी निवेशकों पर बढ़ा हुआ सरचार्ज वापस, फ्लोटिंग लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करके उनमें कमी करना. ये सब तो वो फैसले हैं, जिनसे छोटे-बडे निवेशकों को फायदा पहुंचना तय है. लेकिन, फिर भी एक कमी रह जाती है. सैलरीड क्लास यानी नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स में अभी भी कोई राहत नहीं दी गई है. लेकिन, इस मामले में आपको जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. डायरेक्ट टैक्स कोड में कुछ ऐसे प्रस्ताव दिए गए हैं, जिन्हें मान लिया गया तो देश का सैलरीड क्लास खुशी से झूम उठेगा.
डायरेक्ट टैक्स कोड की क्या हैं सिफारिशें
डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी कमेटी ने वित्त मंत्री को एक प्रस्ताव सौंपा है. इस प्रस्ताव में इनकम टैक्स स्लैब को लेकर कुछ बदलाव की सिफारिशें की गई हैं. इन सिफारिशों में काफी कुछ नया है. खास बात यह है कि इन सिफारिशों से नौकरीपेशा को बड़ी राहत मिलने वाली है. इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करने की सिफारिश की गई है. जल्द ही वित्त मंत्रालय इन प्रस्तावों पर मुहर लगा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो आपको बड़ा तोहफा मिलेगा.
बनाया जाएगा नया इनकम टैक्स स्लैब
कमेटी ने जो सिफारिशें दी हैं, उनमें कहा गया है कि इनकम टैक्स का नया स्लैब बनाया जाए, जिसमें स्लैब की शुरुआत 5 लाख से हो. मतलब 5 लाख तक की सालाना कमाई पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगाया जाए. इसके अलावा सालाना 5-10 लाख की आय पर टैक्स की दर 10 फीसदी होनी चाहिए. फिलहाल इस स्लैब पर 20 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं, 10 से 20 लाख रुपए तक की आय पर 20 फीसदी टैक्स लगाया जाना चाहिए, जो अभी 30 फीसदी है.
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सरचार्ज और सेस भी हटाने की सिफारिश
कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक, इनकम टैक्स स्लैब में 20 लाख से 2 करोड़ तक की आय वालों पर 30 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव है. वहीं, 2 करोड़ से ज्यादा की आय वालों को 35 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में रखा जाए. यही नहीं, टैक्स पर लगने वाले सभी तरह के सरचार्ज और सेस को भी हटाने की सिफारिश की गई है.
मिलेगी टैक्स के बोझ से राहत
जानकारों का मानना है कि अगर सरकार कमेटी के सुझाव पर अमल करती है तो लोगों को टैक्स के बोझ से राहत मिलेगी. टैक्स कम होने से लोगों की बचत बढ़ेगी. लोगों के हाथ में पैसा होगा तो खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी. इससे खपत और मांग दोनों बढ़ेंगे. हालांकि, दरों में कटौती का असर सरकारी खजाने पर पड़ेगा. लेकिन, 2 से 3 साल में स्थिति सामान्य हो जाएगी.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स प्रमुख अखिलेश रंजन की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पिछले महीने ही निर्मला सीतारमण को सौंप दी थी. इस रिपोर्ट में जटिल टैक्स प्रणाली को और आसान बनाने पर जोर दिया है. ऐसे में अगर सरकार इस टास्क फोर्स के सुझावों को मान लेती है तो अच्छे दिन आना तय है.
11:41 AM IST