GST काउंसिल की बैठक जून में, इकोनॉमी को तेज करने के लिए हो सकते हैं ये उपाय
कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच GST council की जून में बैठक होने जा रही है. बैठक जून के दूसरे हफ्ते में प्रस्तावित है. सूत्र ने कहा कि केंद्र किसी भी सामान पर tax बढ़ाने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि यह खपत और मांग को कमजोर कर सकता है.
राज्यों को अप्रैल में GST collection में 80 से 90 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा है. (Reuters)
राज्यों को अप्रैल में GST collection में 80 से 90 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा है. (Reuters)
कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच GST council की जून में बैठक होने जा रही है. बैठक जून के दूसरे हफ्ते में प्रस्तावित है. सूत्र ने कहा कि केंद्र किसी भी सामान पर tax बढ़ाने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि यह खपत और मांग को कमजोर कर सकता है.
सूत्रों के मुताबिक यह उम्मीद है कि GST परिषद राज्यों और केंद्र के लिए राजस्व बढ़ाने का उपाय कर सकती है. इसके लिए कुछ गैर-जरूरी चीजों पर tax बढ़ाने पर विचार हो सकता है. कई राज्यों को अप्रैल में GST collection में 80 से 90 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) April 15, 2020
फाइनेंस मिनिस्ट्री के सूत्र ने कहा कि समय की जरूरत खपत को बढ़ावा देने और मांग में सुधार की है. दरों और राहत के मुद्दे पर फैसला जीएसटी परिषद ही लेगी, जो अगले महीने बैठक करने वाली है.
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GST परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी. परिषद को उन राज्यों के बारे में भी सोचना होगा, जिन्हें कोरोनावायरस फैलने के बाद बड़े राजस्व घाटे का सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्रव्यापी बंद के बाद से व्यवसायों में व्यापक पैमाने पर रुकावट आई है, जिसकी वजह से हाल के दिनों में जीएसटी राजस्व में भारी कमी देखी गई है.
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Lockdown के दौरान काम-धंधों पर उल्टा असर पड़ा है, जिससे व्यापक पैमाने पर लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी है. वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को covid 19 के दौरान नौकरी के नुकसान के बारे में डेटा एकत्र करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय नौकरी छूटने और वेतन में कटौती पर लगातार नजर रख रहा है.
भारत में चीनी निवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने के सवाल पर अधिकारी ने स्पष्ट किया कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) से चीन को प्रतिबंधित करने के लिए अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.
सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आर्थिक पैकेज के मुद्दे पर अधिकारी ने कहा कि अन्य देशों के आर्थिक पैकेजों की तुलना नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि भारत की जरूरतें दूसरों से अलग हैं.
सूत्र ने कहा कि हम सुधारों पर अधिक जोर दे रहे हैं, जो अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए आवश्यक हैं. हमारे देश में इसकी अधिक आवश्यकता है.
12:51 PM IST