अगले पांच साल में देश में दोगुनी होगी इलेक्ट्रोनिक मैन्युफैक्चरिंग, इस सेक्टर में आएंगी 50 लाख नौकरियां
भारत सरकार का डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल तैयार करने का काम एडवांस स्टेज में पहुंच चुका है. साथ ही भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का सपना जल्द ही हकीकत में बदलने वाला है.
Digital Data Protection Bill: डिजिटल डाटा प्रोटेक्शन बिल का मसौदा तैयार करने का काम एडवांस स्टेज में है. सरकार अब इस विधेयक के लिए इंडस्ट्री कंसल्टेशन की ओर कदम बढ़ाने जा रही है. इस बिल को व्यापक विचार-विमर्श के साथ पेश किया जाएगा और इसे जल्दबाजी में लागू करने का कोई इरादा नहीं है. यह जानकारी विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से प्राप्त हुई है.सरकार की योजना डिजिटल सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ-साथ देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा देने की है.
130 अरब डॉलर से बढ़कर 250 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग
वर्तमान में,भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने का सपना तेजी से हकीकत में बदलता दिखाई दे रहा है. ओईएम (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स) और कंपोनेंट निर्माताओं से कई प्रस्ताव मिले हैं, जो भारत में मैन्युफैक्चरिंग बेस स्थापित करने के इच्छुक हैं. सूत्रों के अनुसार, अगले पांच साल में देश की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग दोगुनी होकर वर्तमान 130 अरब डॉलर से बढ़कर लगभग 250 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. इसके साथ ही, सरकार का लक्ष्य नई नौकरियों के अवसर पैदा करना है.
अगले पांच साल में 50 लाख नौकरियां प्रदान करने का लक्ष्य
सरकार ने अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 50 लाख नौकरियां प्रदान करने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल, इस क्षेत्र में रोजगार का आंकड़ा लगभग 20 लाख है, जिसे आगामी वर्षों में दोगुना करने का प्रयास किया जा रहा है. भारत सरकार का यह कदम न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में ग्रोथ से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम प्रगति होगी.
नवंबर 2022 में पेश किया गया था बिल का पहला मसौदा
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डिजिटल डाटा प्रोटेक्शन बिल का पहला मसौदा साल 2022 में नवबंर में पेश किया गया था. यूजर के डाटा को सुरक्षित बनाने के लिए इस बिल में कई तरह की शर्तों को लागू किया गया है. इस बिल के मुताबिक बिना कंज्यूमर की मर्जी के डाटा का इस्तेमाल नहीं हो सकता. कंपनियों को हर डिजिटल नागरिक को साफ और आसान भाषा में सारी जानकारी देनी होगी. किसी भी समय ग्राहक अपना कन्सेंट वापस ले सकता है. गलत इस्तेमाल पर 250 करोड़ रुपए तक की पेनल्टी का प्रावधान है.
08:01 PM IST