सरकार का एक फैसला... और 25 रुपए सस्ता हो जाएगा पेट्रोल, जानिए कैसे
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) के मुताबिक, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर वैट और एक्साइज ड्यूटी को मिलाकर 35.56 रुपए चुकाने पड़ते हैं.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को एक बार फिर से जीएसटी में लाने की चर्चा तेज हो गई है. (फोटो: PTI)
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को एक बार फिर से जीएसटी में लाने की चर्चा तेज हो गई है. (फोटो: PTI)
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को एक बार फिर से जीएसटी में लाने की चर्चा तेज हो गई है. उद्योग मंडल एसोचैम ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी में शामिल करने और स्टांप शुल्क जैसे कुछ स्थानीय टैक्स को भी इसमें शामिल करने की मांग की है. अगर एसोचैम की बात पर सरकार विचार करती है और पेट्रोलियम को GST में शामिल किया जाता है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी कमी देखने को मिल सकती है.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) के मुताबिक, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर वैट और एक्साइज ड्यूटी को मिलाकर 35.56 रुपए चुकाने पड़ते हैं. इसके अलावा औसतन डीलर कमीशन 3.57 रुपये प्रति लीटर और डीलर कमीशन पर वैट करीब 15.58 रुपये प्रति लीटर बैठता है. साथ ही, 0.31 रुपये प्रति लीटर माल-भाड़े के रूप में चार्ज किए जाते हैं. अगर सरकार इन सभी टैक्स को हटाकर सीधे जीएसटी लगाती है तो पेट्रोल 25 रुपए तक सस्ता हो सकता है.
पहले केंद्र फिर राज्य लगाते हैं टैक्स
एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल के मुताबिक, पेट्रोल की कीमत होती है लगभग उतना ही टैक्स भी लगता है. कच्चा तेल खरीदने के बाद रिफाइनरी में लाया जाता है और वहां से पेट्रोल-डीजल की शक्ल में बाहर निकलता है. इसके बाद उस पर टैक्स लगना शुरू होता है. सबसे पहले एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार लगाती है. फिर राज्यों की बारी आती है जो अपना टैक्स लगाते हैं. इसे सेल्स टैक्स या वैट कहा जाता है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
दाम बढ़ने पर बढ़ती है राज्यों की कमाई
आशिफ इकबाल के मुताबिक, इसके साथ ही पेट्रोल पंप का डीलर उस पर अपना कमीशन जोड़ता है. अगर आप केंद्र और राज्य के टैक्स को जोड़ दें तो यह लगभग पेट्रोल या डीजल की वास्तविक कीमत के बराबर होती है. उत्पाद शुल्क से अलग वैट एड-वेलोरम (अतिरिक्त कर) होता है, ऐसे में जब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं तो राज्यों की कमाई भी बढ़ती है.
कितना सस्ता होगा पेट्रोल
अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो केंद्र और राज्य सरकार को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है. आसिफ के मुताबिक, अगर मौजूदा दाम देखें तो साफ है कि अगर टैक्स न लगें तो पेट्रोल काफी सस्ता हो सकता है. 73.27 रुपए प्रति लीटर का दाम टैक्स (एक्साइज ड्यूटी और वैट) हटने पर 37.70 रुपए प्रति लीटर रह जाएगा. अगर इस पर 28% जीएसटी लगे तो भी ये 48.25 रुपए प्रति लीटर बैठेगा.
हालांकि, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी में लाना आसान नहीं होगा. क्योंकि, अर्थशास्त्रियों का मानना है कि राज्य अपनी कमाई का हिस्सा लाने के पक्ष में अभी तक नहीं दिखे हैं. ऐसे में राजस्व में होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अकेले फैसला नहीं कर सकती है. क्योंकि, राज्य भी जीएसटी काउंसिल की बैठक का प्रमुख हिस्सा है.
12:27 PM IST