खाद्य महंगाई अगले वित्त वर्ष में बढ़कर हो सकती है 2 प्रतिशत, जानें इस साल कितना रहेगा
Food inflation: रिपोर्ट में कहा गया है कि अनाज के मामले में, "सक्रिय खाद्य प्रबंधन" नीतियों ने मदद की है. इसमें कहा गया है कि सरकार ने भारी मात्रा में बफर स्टॉक बाजार में जारी किए और इसके लिये अधिक आयात भी किया.
आगे जाकर खाद्य मुद्रास्फीति नरम बने रहने की संभावना है. (फोटो साभार - रॉयटर्स)
आगे जाकर खाद्य मुद्रास्फीति नरम बने रहने की संभावना है. (फोटो साभार - रॉयटर्स)
अगले वित्त वर्ष में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर दो प्रतिशत तक पहुंच सकती है. चालू वित्त वर्ष 2018- 19 में इसके 0.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. सोमवार को एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया. यह ध्यान देने की बात है कि खाद्य वस्तुओं की कम कीमतें ही उन प्रमुख कारकों में से एक हैं जिन्होंने हाल में रिजर्व बैंक को अपनी ब्याज दरों को अधिक समायोजन वाली बनाने में मदद की है.
अनाज और सब्जियों की कीमतें रहीं कम
रिपोर्ट में, विदेशी ब्रोकरेज गोल्डमैन सैश ने पिछले कुछ महीनों में अनाज और सब्जियों की कीमतें कम रहने को, खाद्य वस्तुओं की कम कीमत के लिए अहम माना है. इसमें कहा गया है कि बाजारों को नियमन मुक्त करने से 14 राज्यों में कृषि उपज और विपणन समिति अधिनियम (एपीएमसी) की सूचीबद्धता से सब्जियों को हटा दिया गया. इससे सब्जियों के दाम कम करने में मदद मिली है.
भारी मात्रा में बफर स्टॉक बाजार में
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनाज के मामले में, "सक्रिय खाद्य प्रबंधन" नीतियों ने मदद की है. इसमें कहा गया है कि सरकार ने भारी मात्रा में बफर स्टॉक बाजार में जारी किए और इसके लिये अधिक आयात भी किया. इसमें आगे कहा गया है कि जब तक मौसम की स्थिति में कोई भारी उथल पुथल न हो तो खाद्य मुद्रास्फीति में भारी वृद्धि की संभावना नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार "आगे जाकर खाद्य मुद्रास्फीति नरम बने रहने की संभावना है." इसमें कहा गया है कि औसत खाद्य मुद्रास्फीति, वित्त वर्ष 2018-19 के 0.7 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 1.5 से दो प्रतिशत के दायरे में रह सकती है.
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किसानों की तरफ सरकार की नजर
सूत्रों ने कहा कि ध्यान अब उन किसानों की तरफ है जो कम खाद्य कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी फसलों पर अधिक लाभ की मांग कर रहे हैं. सरकार ने इस समस्या के निदान के लिये पांच साल में किसानों की आय दोगुनी करने का आश्वासन दिया. किसानों को उनकी ऊपज के 150 प्रतिशत से अधिक के लाभ देने का वादा किया तथा छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए 6,000 रुपये सालाना आय सहायता की भी घोषणा की.
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09:11 PM IST