भारतीय शेयर बाजार जमकर पैसा लगा रहे विदेशी निवेशक, इस हफ्ते डाले ₹14,064 करोड़, जानें वजह
FII Investment: NSDL के आंकड़ों के अनुसार, 20 सितंबर तक कुल एफआईआई निवेश 33,699 करोड़ रुपये रहा, जिससे इस साल अब तक देश में कुल एफआईआई निवेश 76,585 करोड़ रुपये हो गया.
FII Investment: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में 14,064 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो कि मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के बीच भारतीय बाजार की स्थिरता को दर्शाता है. शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के बीच भारतीय बाजार में मजबूती बनी रही. एनएसडीएल (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, 20 सितंबर तक कुल एफआईआई निवेश 33,699 करोड़ रुपये रहा, जिससे इस साल अब तक देश में कुल एफआईआई निवेश 76,585 करोड़ रुपये हो गया.
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले दिनों में एफआईआई की खरीदारी का सिलसिला जारी रहने की संभावना है. बीडीओ इंडिया के मनोज पुरोहित के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने पिछले चार सालों में पहली बार ब्याज दर में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की है, जो अनुमान से ज्यादा था. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) इस कदम के प्रति सचेत हैं और उन्होंने इस पर निष्क्रिय प्रतिक्रिया व्यक्त की है. मनोज पुरोहित ने कहा, भारतीय बाजारों ने मजबूत इंफ्रा और अपेक्षित जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) पर मजबूत अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आधार पर सकारात्मक रूप से अपने लचीलेपन को दर्शाया.
ये भी पढ़ें- ₹340 का लेवल टच करेगा ये कंस्ट्रक्शन स्टॉक, ब्रोकरेज ने कहा- खरीदें, 1 साल में 105% उछला
सितंबर 2024 में निवेश की दर सबसे अधिक रही
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
सितंबर 2024 में निवेश की दर सबसे अधिक रही, पिछली बार मार्च में ऐसा हुआ था. विश्लेषकों ने कहा कि 20 सितंबर को समाप्त हफ्ते में एफआईआई के निवेश से रुपये में 0.4% की बढ़ोतरी हुई है. इससे एफआईआई (FII) की खरीदारी को और बढ़ावा मिल सकता है.
वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत जैसे उभरते बाजारों को आकर्षक बनाने वाले प्रमुख कारक 'संतुलित राजकोषीय घाटा, भारतीय मुद्रा पर ब्याज दरों में कटौती का प्रभाव, मजबूत मूल्यांकन और ब्याज दरों में कटौती के बिना मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने का आरबीआई का दृष्टिकोण है.'
IPO ने विदेशी फंडों का एक बड़ा हिस्सा आकर्षिक किया
विश्लेषकों ने कहा कि इस साल घोषित आईपीओ ने विदेशी फंडों का एक बड़ा हिस्सा आकर्षित किया. इसके कारण भारतीय शेयर बाजार मजबूत हुआ. विदेशी निवेशक अन्य जोखिम भरे देशों की जगह भारत में निवेश करना चाहते हैं. भारतीय बाजार अब आकर्षक और सुरक्षित है.
ये भी पढ़ें- इसकी खेती बनाएगी मालामाल, एक बार लगाएं जिंदगीभर मुनाफा कमाएं, सरकार से भी पाएं 50% सब्सिडी
RBI पर टिकी निगाहें
अब सबकी निगाहें आरबीआई (RBI) पर हैं कि क्या वह अक्टूबर में रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती करेगा या दिसंबर तक इंतजार करेगा. खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में मामूली कटौती करने का एक मजबूत मामला है, घरेलू बचत से ब्याज में कमी आई है, जिससे बैंकों का रिटेल लोन कारोबार प्रभावित होता है. बीडीओ इंडिया के मनोज पुरोहित ने कहा कि फेड की अब तक की कार्रवाई के बावजूद भारत की मौद्रिक नीति अधिक रूढ़िवादी रही है.
05:52 PM IST