वित्त मंत्री ने दिया विपक्ष की आलोचना का जवाब, कहा- राज्यों पर नहीं पड़ेगा एक्साइज ड्यूटी में कटौती का असर
Petro-Diesel Excise Duty: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल पर दी गई राहत का राज्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसे केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
Petro-Diesel Excise Duty: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने रविवार को उन सभी आलोचनाओं को खारिज कर दिया है, जिसमें विपक्ष दावा कर रहा था कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती से केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी कम हो जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये की एक्साइज दरों में कटौती में रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस के जरिए किया जा रहा है, जिसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है.
विपक्ष ने की आलोचना
इससे पहले पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) और अन्य विपक्षी नेताओं ने कहा था कि शनिवार शाम में घोषित उत्पाद शुल्कों में कटौती से केद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी कम हो जाएगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करते हुए कहा कि वह सभी के फायदे के लिए पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स को लेकर कुछ जानकारी साझा कर रही हैं.
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1/ Good to see the interest generated by @PMOIndia @narendramodi ‘s decision yesterday to bring an Excise Duty cut on petrol and diesel.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) May 22, 2022
Sharing some useful facts.
‘am sure criticism/appraisal can benefit from having them before us.
कैसे होता है सेस का कैलकुलेशन
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में बेसिक एक्साइज ड्यूटी (BED), स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED), रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (RIC), और एग्रीकल्चर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमंट सेस (AIDC) शामिल होते हैं. इसमें से बेसिक ED राज्यों के साथ शेयर किया जाता है. वहीं SAED, RIC और AIDC को राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है.
वित्त मंत्री ने आगे कहा पेट्रोल पर 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कटौती पूरी तरह से RIC में से की गई है. उन्होंने बताया कि इसके पहले नवंबर 2021 में जब पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की कटौती की गई थी, तो भी यह RIC में से ही हुई थी.
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केंद्र और राज्य के बीच टैक्स बंटवारे के फार्मूले के अनुसार केंद्र द्वारा एकत्र किए टैक्स का 41 फीसदी हिस्सा राज्यों को जाता है. हालांकि इनमें सेस से होने वाली वसूली शामिल नहीं है. पेट्रोल और डीजल पर अधिकांश टैक्स सेस से बना है.
किसमें मिली छूट
शनिवार की कटौती से पहले पेट्रोल पर कुल केंद्रीय कर 27.90 रुपये प्रति लीटर था, जबकि बेसिक एक्साइज ड्यूटी केवल 1.40 रुपये प्रति लीटर था. इसी तरह, डीजल पर कुल 21.80 रुपये प्रति लीटर केंद्रीय कर में से बेसिक एक्साइज ड्यूटी केवल 1.80 रुपये था.
पेट्रोल पर 11 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 8 रुपये प्रति लीटर का SAED लगाया गया था. पेट्रोल पर 2.50 रुपये प्रति लीटर कृषि बुनियादी ढांचा और विकास उपकर (AIDC) और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर लगाया गया था.
राज्यों पर नहीं पड़ेगा असर
पेट्रोल पर 13 रुपये और डीजल पर 8 रुपये RIC के लगते हैं. शनिवार को एक्साइज ड्यूटी में हुए कटौती इसी में से की गई है. वित्त मंत्री ने समझाया कि पेट्रोल पर लगने वाला 1.40 रुपये और डीजल पर 1.80 रुपये बेसिक एक्साइज ड्यूटी ही राज्यों के साथ शेयर किया जाता है और इसे नहीं छुआ गया है. इसलिए पेट्रोल और डीजल पर दी गई राहत का बोझ केंद्र सरकार द्वारा ही वहन किया जाएगा.
सरकार के खजाने पर पड़ेगा असर
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल में कल दी गई छूट से केंद्र पर 1,00,000 करोड़ रुपये सालाना का बोझ पड़ेगा वहीं नवंबर में दी गई राहत से केंद्र पर 1,20,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. इस प्रकार दोनों कटौती से सरकार पर कुल 2,20,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
06:53 PM IST