GST का रिव्यू करेगा CAG, विंटर सेशन में सामने आएगी रिपोर्ट
जीएसटी (GST) देश में एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था. अब कैग (CAG) इसकी समीक्षा करेगा, जिसकी रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में पेश होगी.
जीएसटी (GST) देश में एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था. अब कैग (CAG) इसकी समीक्षा करेगा, जिसकी रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में पेश होगी. इस रिपोर्ट में जीएसटी रजिस्ट्रेशन, रिफंड, इनपुट टैक्स क्रेडिट, ट्रांजिशन क्रेडिट मेकेनिज्म, ईज ऑफ पेमेंट ऑफ टैक्स आदि गतिविधियों की समीक्षा शामिल होगी. समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक कैग टीम ने जीएसटी कमिश्नर के दफ्तरों के यहां जाकर इसकी समीक्षा शुरू कर दी है.
देश में जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से कारोबारियों को अब तक 82,000 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड किया जा चुका है. केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के सदस्य आर.के. बर्थवाल ने यह जानकारी दी. जीएसटी देश में एक जुलाई 2017 को लागू किया गया.
बर्थवाल ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला- 2018 (Trade Fair) में बताया कि सरकार ने जीएसटी रिफंड के लिए 3 पखवारों के दौरान विशेष अभियान चलाया और अब तक कुल मिलाकर 82,000 करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड दावों का निपटान किया जा चुका है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
उन्होंने कहा, 'जीएसटी के तहत यह रिफंड अलग अलग मदों में दिया गया है. निर्यातकों द्वारा दिये गये शुल्क का रिफंड किया गया है. एकीकृत जीएसटी के तहत डीम्ड एक्सपोर्ट पर जो शुल्क दिया गया उसका रिफंड हुआ है. इसी तरह के कुछ अन्य शुल्कों का रिफंड जारी किया गया. सीबीआईसी ने यह काम विशेष अभियान के जरिये किया है.'
देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई 2017 से अमल में आई है. यह व्यवस्था पूरी तरह से आनलाइन है. जीएसटीएन कंपनी इसके आनलाइन पोर्टल का संचालन करती है. पिछले करीब डेढ साल के दौरान जीएसटी व्यवस्था में कारोबारियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जीएसटी पोर्टल में पंजीकरण, कर रिटर्न भरने, गलत रिटर्न भरने जैसी कई समस्यायें सामने आईं. हालांकि, अब इसमें कुछ स्थायित्व आया है.
बर्थवाल ने कहा कि सरकार जीएसटी व्यवस्था को लगातार सरल बनाने पर ध्यान दे रही है. इसके लिये जागरुकता बढ़ाई जा रही है. ‘‘जीएसटी अपने आप में एक अप्रत्याशित बदलाव है जिसे लाया गया. एक देश, एक बाजार और एक कर की दिशा में यह अतुलनीय कदम उठाया गया. इस तरह का कोई बड़ा कदम जब उठाया जाता है तो उसमें कुछ दिक्कतें आती हैं. रिफंड एक बड़ा मुद्दा था.
बोर्ड ने, सरकार ने इस पर गौर किया और विशेष अभियान चलाये गये जिसमें जीएसटी रिफंड दावों के बड़े हिस्से का निपटान किया गया.’’ हालांकि, जीएसटी लागू होने से पहले के सेनवैट क्रेडिट की भरपाई की व्यापारियों की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.
व्यापारियों के रिफंड और क्रेडिट समायोजन के लिये एक और अभियान शुरू किये जाने के बारे में पूछने पर बर्थवाल ने कहा कि कर विभाग पूरी व्यवस्था को नियमित रूप से सामान्य बनाना चाहता है ताकि किसी तरह के विशेष अभियान की आवश्यकता ही नहीं रहे.
सरकार को जीएसटी से अक्टूबर माह में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर राजस्व की प्राप्ति हुई है. जीएसटी लागू होने के बाद यह दूसरा अवसर रहा है जब जीएसटी प्राप्ति एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रही.
एजेंसी इनपुट के साथ
04:25 PM IST