Budget 2023: बजट के इतिहास का वो दिन जब देश पर आया था बड़ा संकट और पेश हुआ था 'Black Budget'
बजट हमेशा आपके लिए फायदे का ही हो और आपकी उम्मीदों पर खरा उतरे, ये जरूरी नहीं होता. जैसे घर का बजट कई बार ज्यादा खर्चों के कारण गड़बड़ा जाता है, वैसा कभी-कभी देश के बजट के साथ भी हो सकता है. यहां जानिए आजाद भारत के इतिहास में जब पेश किया गया था 'Black Budget'
Budget 2023: बजट के इतिहास का वो दिन जब देश पर आया था बड़ा संकट और पेश हुआ था 'Black Budget'
Budget 2023: बजट के इतिहास का वो दिन जब देश पर आया था बड़ा संकट और पेश हुआ था 'Black Budget'
किसी वर्ष के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय ब्योरे को केंद्रीय बजट (Union Budget) कहते हैं. भारत में वित्त वर्ष (Financial Year) 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है, ऐसे में सरकार हर साल नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले आम बजट पेश करती है. ये बजट आम आदमी के लिए उतना ही जरूरी होता है, जितना देश की सरकार के लिए. जैसे किसी भी परिवार का बजट बनाया जाता है, जिससे उनके घर खर्च का पता चल सके. ऐसे ही देश का बजट बनता है. देश का बजट आपके घर के बजट को भी तय करता है. वित्त वर्ष 2023-24 का बजट एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) पेश करने वाली हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये आखिरी पूर्ण बजट होगा. इसलिए इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं.
लेकिन बजट हमेशा आपके लिए फायदे का ही हो और आपकी उम्मीदों पर खरा उतरे, ये जरूरी नहीं होता. जैसे घर का बजट कई बार ज्यादा खर्चों के कारण गड़बड़ा जाता है, वैसा कभी-कभी देश के बजट के साथ भी हो सकता है. आज हम आपको ऐसे ही एक बजट के बारे में बताएंगे जिसे 'Black Budget' के नाम से जाना जाता है. आजाद भारत में कभी ऐसा समय भी आया था, जब पूरे देश पर संकट आया हुआ था और भारत सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री को 550 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश करना पड़ा था.
कब पेश हुआ था ब्लैक बजट
बात 1973-74 के बजट की है. साल 1971 में भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ था. उस समय देश के हालात काफी खराब थे. देश आर्थिक संकट से जूझ रहा था. साथ ही, खराब मॉनसून के चलते देश में सूखा पड़ गया था. उस समय देश में इंदिरा गांधी की सरकार थी. इन हालातों के चलते सरकार का खर्च उसकी कमाई से कहीं ज्यादा हो गया था और देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा था. तब तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत राव बी चव्हाण को देश का 'काला बजट' पेश करना पड़ा था.
वित्त मंत्री ने कहा था इसे ब्लैक बजट
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साल 1973-74 का ये बजट 550 करोड़ रुपए के घाटे का था. उस समय तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि देश में सूखे के कारण पैदा हुए हालात और खाद्यान्न उत्पादन में भारी कमी की वजह से बजटीय घाटा बढ़ गया है. इसलिए 'ब्लैक बजट' पेश करने की स्थिति आन पड़ी है. तब से इस बजट को 'Black Budget' कहा जाने लगा. आजाद भारत में आज तक सिर्फ एक बार ही 'Black Budget' पेश किया गया है.
क्या होता है 'Black Budget'
जब सरकार का खर्च उसकी कमाई की तुलना में ज्यादा होता है, तो सरकार को बजट में कटौती करनी पड़ती है. ऐसे बजट को 'ब्लैक बजट' कहा जाता है. मान लीजिए कि सरकार की कमाई 200 रुपए है और उसका खर्च 250 रुपए का है, तो इस घाटे को पूरा करने के लिए सरकार अपने बजट में कई तरह की कटौती करेगी. ऐसे बजट को ब्लैक बजट कहा जाता है.
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11:36 AM IST