Budget 2023: हर चार में से एक भारतीय को है नौकरी जाने का डर, 75% को महंगाई की चिंता, बजट से पहले जानिए लोगों की उम्मीदें
Pre Budget Survey: बजट से पहले हुए सर्वे में हर चार में से एक आदमी को नौकरी जाने का डर सता रहा है. वहीं, 75 फीसदी लोग बढ़ती महंगाई को लेकर चिंतित हैं.
Pre Budget Survey: प्रत्येक चार भारतीयों में से एक को (25 फीसदी) नौकरी जाने की आशंका है जबकि चार में तीन (75 फीसदी) बढ़ती महंगाई को लेकर चिंतित हैं. इसके बावजूद करीब आधे लोगों का मानना है कि 2023 में देश की इकोनॉमी बढ़ेगी. मार्केटिंग डेटा और एनालिसिस कंपनी कांतार (Kantar) के सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला गया है. 'भारत आम बजट सर्वे' (India Union Budget Survey) के दूसरे संस्करण में कांतार ने पाया कि उपभोक्ता आयकर के संबंध में नीतिगत परिवर्तनों की घोषणा की अपेक्षा कर रहे हैं जिसमें मौजूदा 2.5 लाख रुपये की बुनियादी आयकर छूट की सीमा सबसे आम उम्मीद है.
2023 में बढ़ेगी देश की इकोनॉमी
कांतार (Kantar) ने कहा, "व्यापक आर्थिक स्तर पर, ज्यादातर लोगों की सोच पॉजिटिव है. 50 प्रतिशत का मानना है कि 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) बढ़ेगी, 31 फीसदी को लगता है कि इसकी रफ्तार कम हो जाएगी. 54 प्रतिशत के साथ छोटे शहरों में धारणा महानगरों की तुलना में अधिक सकारात्मक है." हालांकि, इसमें कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक मंदी (Global Economic Slowdown) और कोविड-19 का प्रकोप फिर शुरू होने की आशंका भारतीयों को सता रही है.
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25 फीसदी लोगों को है नौकरी जाने का डर
रिपोर्ट के मुताबिक, "चार में से तीन लोगों को बढ़ती मुद्रास्फीति की चिंता है और वे चाहते हैं कि इससे निपटने के लिए सरकार निर्णयात्मक कदम उठाए." सर्वे में कहा गया है, "चार में से तीन भारतीयों को नौकरी जाने का डर है. यह समृद्ध वर्ग में (32 प्रतिशत), 36-55 वर्ष के आयुवर्ग में (30 प्रतिशत) और वेतनभोगी वर्ग (30 प्रतिशत) में अपेक्षाकृत अधिक है."
बजट से है क्या उम्मीदें
आगामी बजट से क्या अपेक्षाएं हैं, इस संबंध में सर्वे में पाया गया कि उपभोक्ता आयकर को लेकर नीतिगत बदलावों की घोषणा की उम्मीद कर रहे हैं. इसमें कहा गया, "बुनियादी आयकर छूट सीमा को मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाने की सबसे ज्यादा उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा, उपभोक्ता चाहते हैं कि 30 प्रतिशत की उच्चतम कर दर (मौजूदा 10 लाख रुपये से) की सीमा बढ़ाई जाए. पहली मांग वेतनभोगी वर्ग में सबसे ज्यादा 42 प्रतिशत है जबकि बाद वाली अपेक्षा व्यवसायियों/स्व-रोजगार वर्ग (37 फीसदी) और 36-55 वर्ष आयुवर्ग (42 प्रतिशत) में अधिक है."
इन शहरों में हुआ सर्वे
यह सर्वेक्षण 12 भारतीय शहरों (मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, इंदौर, पटना, जयपुर और लखनऊ) में 21-55 वर्ष आयुवर्ग के लेागों के बीच 15 दिसंबर, 2022 से 15 जनवरी, 2023 के बीच किया गया.
कांतार के कार्यकारी प्रबंध निदेशक (दक्षिण एशिया-इनसाइट प्रभाग) दीपेंद्र राणा ने कहा, "भारतीयों की सोच 2023 में देश के व्यापक आर्थिक प्रदर्शन को लेकर मोटे तौर पर सकारात्मक है. भारत की वृद्धि में उन्हें भरोसा है."
04:25 PM IST