Budget 2020: रियल एस्टेट की मांग, डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स में मिले बड़ी राहत
Budget 2020: बिल्डर्स और डेवलपर्स को बजट 2020 (Budget 2020) से काफी उम्मीदें हैं. रीयल एस्टेट सेक्टर की सबसे बड़ी डिमांड इस सेक्टर के रिवाइवल की है.
इंडस्ट्री का कहना है कि सिर्फ सस्ते हाउसिंग पर फोकस करने से इकोनॉमी रिवाइव नहीं होगी.
इंडस्ट्री का कहना है कि सिर्फ सस्ते हाउसिंग पर फोकस करने से इकोनॉमी रिवाइव नहीं होगी.
Budget 2020: बीते कुछ सालों से देश का रीयल एस्टेट (Real Estate) मार्केट लगातार कम बिक्री या कम डिमांड की समस्या का सामना कर रहा है. ऐसे में बिल्डर्स और डेवलपर्स को बजट 2020 (Budget 2020) से काफी उम्मीदें हैं. इस सेक्टर को लेकर उनकी कई मांग भी है. रीयल एस्टेट सेक्टर की सबसे बड़ी डिमांड इस सेक्टर के रिवाइवल की है. प्रभुदास लीलाधर ग्रुप की ज्वाइंट एमडी (MD) अमीषा वोरा का कहना है कि सरकार को बजट में कोई बड़ी टैक्स (Tax) राहत की घोषणा करनी चाहिए. उनका मानना है कि सिर्फ सस्ते हाउसिंग पर फोकस करने से इकोनॉमी रिवाइव नहीं होगी. वह कहती हैं कि सिर्फ अफोर्डेबल नहीं बल्कि सभी हाउसिंग सेगमेंट को मदद की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि सरकार को घरों की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए. रीयल सेक्टर की एक मांग है कि सरकार डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स (Dividend distribution tax) में भी राहत दे. वोरा के मुताबिक, डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स तीन लेवल पर लगता है.
बजट में रियल एस्टेट को राहत देने के लिए बड़े ऐलान होने चाहिए, डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स में भी राहत मिलनी चाहिए: अमीषा वोरा, ज्वाइंट MD, प्रभुदास लीलाधर ग्रुप#Budget2020ZEE #UnionBudget2020 @AnilSinghvi_ @amisha_vora @PLIndiaOnline pic.twitter.com/VZBMNE8qpH
— Zee Business (@ZeeBusiness) January 24, 2020
वोरा कहती हैं कि पहले कंपनी कमाए और उसके ऊपर टैक्स भरे तब जाकर नेट प्रॉफिट आए. उसके बाद नेट प्रॉफिट का जो ओनर है, जो इक्विटी शेयर होल्डर है, वह उसमें से थोड़ा पैसा ले तो वापस उसपर टैक्स भरे. फिर जो इक्विटी इन्वेस्टर को डिविडेंड (dividend) आया, यानी इनकम आया तो फिर उसपर टैक्स भरे. वह कहती है कि इस वजह से इसमें काफी बदलाव की जरूरत है.
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वह कहती हैं कि सरकार ने कॉर्पोरेट सेक्टर को टैक्स (corporate tax) में राहत दे दिया. उनका प्रॉफिट तो इस साल बढ़ेगा लेकिन अगर डिमांड किसी वजह से रिवाइवल नहीं हुआ तो वह पूरा पैसा शेयर बायबैक में चला जाएगा. वह या तो कंपनी के पास जाएगा लेकिन कैपेक्स नहीं होगा. उनका कहना है कि अगर इसमें राहत दी जाती है तो इसका फायदा मिलेगा. इस टैक्स में राहत मिलने से शेयरधारकों की बचत में इजाफा हो सकेगा.
03:31 PM IST