जूट किसानों के लिए अच्छी खबर! सरकार की मिलों को कच्चे जूट का आयात रोकने की सलाह
Jute Imports: केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय (Union textile ministry) का प्रतिनिधित्व करने वाले जूट आयुक्त ऑफिस ने एक नोटिस में मिलों को TD 4 से TD 8 किस्मों के जूट का आयात नहीं करने का भी सुझाव दिया है, क्योंकि ये देश के भीतर पर्याप्त रूप से उपलब्ध हैं.
(Image- Pexels)
(Image- Pexels)
Jute Imports: केंद्र ने घरेलू बाजार में अधिक सप्लाई के कारण जूट मिलों (Jute Mills) को कच्चे जूट का आयात बंद करने की सलाह दी है और जूट आयातकों को दिसंबर तक एक निर्धारित फॉर्मेंट में डेली ट्रांजैक्शन रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय (Union textile ministry) का प्रतिनिधित्व करने वाले जूट आयुक्त ऑफिस ने एक नोटिस में मिलों को TD 4 से TD 8 किस्मों (व्यापार में इस्तेमाल किए गए पुराने वर्गीकरण के अनुसार) के जूट का आयात नहीं करने का भी सुझाव दिया है, क्योंकि ये देश के भीतर पर्याप्त रूप से उपलब्ध हैं.
भारतीय जूट मिल संघ के पूर्व अध्यक्ष संजय कजारिया ने कहा, कुल जूट उत्पादन और व्यापार में इन किस्मों की हिस्सेदारी 75% है. चालू सत्र का उत्पादन 91 लाख गांठ है, जिसमें शुरुआती स्टॉक 23 लाख गांठ और 5 लाख गांठ आयातित कच्चे जूट का है, जिसके चलते कुल अनुमानित उपलब्धता 119 लाख गांठ की है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
वित्त वर्ष 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार, जूट का आयात 62,500 टन था, जिसका मूल्य 449 करोड़ रुपये था, जबकि निर्यात 32,000 टन तक पहुंच गया, जिसकी कीमत 222 करोड़ रुपये थी.
कच्चे जूट के लेनदेन पर रोक
जूट आयुक्त ने हाल ही में किसानों के हितों की रक्षा के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) स्तर से नीचे कच्चे जूट (Raw Jute) के लेनदेन पर रोक लगा दी है. व्यापार अनुमान के मुताबिक, कच्चे जूट की कीमतें 4,100 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई हैं, जबकि औसत किस्म के लिए एमएसपी 5,050 रुपये है.
भारतीय जूट निगम को एमएसपी पर किसानों (Farmers) से कच्चा जूट खरीदने का काम सौंपा गया है, लेकिन अंशधारकों देखने को मिला है कि उनका संचालन हर कोने तक पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं है, जिससे किसानों की सुरक्षा के लिए नियामक को हस्तक्षेप करना पड़ा. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, मेघालय, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश जूट के प्रमुख उत्पादक हैं, जहां लाखों किसान इसकी खेती में लगे हुए हैं.
09:14 PM IST