परोकार में आगे रहीं भारतीय कंपनियां, जानिए CSR में कितना किया खर्च
भारतीय कंपनियों ने चार वित्त वर्ष में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) गतिविधियों पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
सीएसआर के तहत शिक्षा एवं कौशल विकास और स्वास्थ्य पर खर्च किया गया है (फोटो- Pixabay).
सीएसआर के तहत शिक्षा एवं कौशल विकास और स्वास्थ्य पर खर्च किया गया है (फोटो- Pixabay).
भारतीय कंपनियों ने चार वित्त वर्ष में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) गतिविधियों पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. हालांकि, इस दौरान सीएसआर कोष की खर्च नहीं हुई रकम बढ़कर 60,000 करोड़ हो गई है. इससे सीएसआर नियमों की रूपरेखा में सुधार की जरूरत रेखांकित होती है . रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने यह जानकारी दी.
कंपनी अधिनियम 2013 में यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी कंपनी की पिछले तीन साल में से किसी भी वर्ष के दौरान नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक रही, कारोबार 1,000 करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक रहा या फिर उनका शुद्ध मुनाफा पांच करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक रहता है तो उसे पिछले तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का दो प्रतिशत सामाजिक दायित्व के कार्यों में खर्च करना होगा.
क्रिसिल रिपोर्ट के मुताबिक , वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान कंपनियों द्वारा कुल 50,000 करोड़ रुपये सीएसआर गतिविधियों पर खर्च किए गए हैं. इनमें से 34,000 करोड़ रुपये सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा खर्च किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 1913 सूचीबद्ध कंपनियों में से एक तिहाई कंपनियों ने कई कारणों से सीएसआर का पैसा खर्च नहीं किया है. ये कंपनियां सीएसआर खर्च के लिए पात्र थी.
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पिछले वित्त वर्ष में सभी सीएसआर गतिविधियों में अतिरिक्त 2,380 करोड़ रुपये खर्च किए गए है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले चार वित्त वर्ष में कुल खर्च नहीं हुई रकम बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएसआर नियमों में हालिया संशोधन के कारण खर्च में कमी आने की संभावना है. जिसके तहत सीएसआर खर्च अब पिछले तीन वित्त वर्ष के बजाए पिछले वित्त वर्ष के नतीजों पर आधारित है. जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा खर्च हुआ है, उनमें शिक्षा एवं कौशल विकास और उसके बाद स्वास्थ्य एवं स्वच्छता क्षेत्र का स्थान रहा है.
08:07 PM IST