वेदांता ग्रुप की इस कंपनी में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में सरकार, जानिए क्या है लेटेस्ट अपडेट
Hindustan Zinc Divestment: सरकार हिंदुस्तान जिंक में 29.5% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी अल्पसंख्यक शेयरधारक है.
Hindustan Zinc Divestment: सरकार ने वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Ltd) में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए बाजार का आकलन करने और निवेशकों से मिलने के लिए पिछले 15 दिन में मुंबई, लंदन, बोस्टन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में कई रोड शो आयोजित किए हैं. सरकार हिंदुस्तान जिंक में 29.5% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी अल्पसंख्यक शेयरधारक है.
खान सचिव वी. एल. कांता राव ने यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क्स और भारत में जियोपार्क्स पर एक प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला से इतर कहा, रोड शो विनिवेश को लेकर किए गए. सरकार हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) में अपनी कुछ हिस्सेदारी के विनिवेश के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए बाजार का आकलन करने और निवेशकों से मिलने के लिए पिछले 15 दिन में कई रोड शो किए गए. उन्होंने कहा मुंबई, सिंगापुर, हांगकांग, लंदन, बोस्टन, न्यूयॉर्क में रोड शो किए गए. सभी प्रमुख वित्तीय राजधानियों में रोड शो किए गए हैं.
ये भी पढ़ें- Navratna PSU को मिला ₹1,260 करोड़ का ऑर्डर, शेयर में तेज उछाल, सालभर में दिया 204% रिटर्न
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
सरकार ने पहले कहा था कि वह बिक्री प्रस्ताव (OFS) के जरिये हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रतिबद्ध है. बाजार का आकलन करने के बाद सभी फैसले लिए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में सरकार को हिंदुस्तान जिंक में अपनी शेष हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचने की अनुमति दे दी थी.
इस बीच, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अरुण मिश्रा ने गत बुधवार को था कहा कि कंपनी ने पहले प्रस्तावित तीन के बजाय दो भागों में कंपनी को विभाजित करने के प्रस्ताव पर सरकार के साथ नए सिरे से चर्चा की है. मिश्रा ने कहा था कि हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) के विभाजन के संबंध में सरकार के साथ चर्चा बहुत अच्छी रही. इससे पहले खान मंत्रालय ने कंपनी को पत्र लिखकर बताया था कि कारोबारी परिचालन के किसी भी पुनर्गठन के लिए मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी.
ये भी पढ़ें- मल्टीबैगर स्टॉक में लगा 5% का अपर सर्किट, रेलवे से मिला वर्क ऑर्डर, 1 साल में दिया 140% रिटर्न
04:55 PM IST