GST Rules: 1 अक्टूबर से 10 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए E-invoice जरूरी, अभी 20 करोड़ है लिमिट
GST Rules News: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत 10 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर 2022 से E-Invoice को अनिवार्य कर दिया गया है.
इन्वॉयस पंजीकरण पोर्टल को देनी होती है जानकारी
इन्वॉयस पंजीकरण पोर्टल को देनी होती है जानकारी
GST Rules News: 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारों (Business) को 1 अक्टूबर से B2B ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस (E-Invoice) जनरेट करना होगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी कर इस बात की जानकारी शेयर की है. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत 10 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर 2022 से E-Invoice को अनिवार्य कर दिया गया है.
बता दें कि इससे पहले मार्च में 20 से 50 करोड़ के टर्नओवर वाले टैक्सपेयर्स के लिए रजिस्ट्रेशन और लॉगिन की सुविधा को सक्षम किया था. वहीं 1 अप्रैल 2022 से बोर्ड ने जीएसटी ई-चालान की सीमा को 50 करोड़ से घटाकर 20 करोड़ कर दिया था. पिछले साल 1 अप्रैल से, 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर वाली कंपनियां बी टू बी इनवॉयस जनरेट कर रही थीं. जिसे अब बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए लागू किया जा रहा है.
इस वजह से लिया गया यह फैसला
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भारत सरकार लगातार गुड्स एंड सर्विस टैक्स में बदलाव कर हैं. ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद टैक्स चोरी को कम करना है. इसको लेकर अक्टूबर साल 2020 में सरकार ने यह फैसला लिया था कि ऐसी कंपनी जिनका टर्नओवर 500 करोड़ से ज्यादा है उन्हें अपने B2B लेनदेन पर ई-चालान जनरेट करना जरूरी होगा.
इन्वॉयस पंजीकरण पोर्टल को देनी होती है जानकारी
मौजूदा समय में यह लिमिट 20 करोड़ है. जिसे सीबीडीटी ने फिर से घटाकर 10 करोड़ करने का फैसला किया है. बताते चलें कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स टैक्स पेयर्स ऑनलाइन E-Invoice रजिस्ट्रेशन पोर्टल के जरिए भेज सकेंगे. ऐसा करने से बिल बनाने में होने वाली गलतियों की संभावना कम हो जाएगी. इनवॉयस के तहत करदाताओं को अपनी आंतरिक प्रणाली के जरिए बिल निकालना होता है और इसकी जानकारी ऑनलाइन इन्वॉयस पंजीकरण पोर्टल (आईआरपी) को देनी होती है.
04:58 PM IST