नहीं होगा GAIL (India) का बंटवारा, प्रपोजल फिलहाल हुआ कैंसिल, कंपनी उठाएगी ये कदम
GAIL India Split Plan News: ल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (CMD) मनोज जैन ने कहा कि कंपनी ने अपनी दो पाइपलाइन परियोजनाएं बाजार पर चढ़ाने को लेकर योजना पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भेजी है.
देश में 17,126 किलोमीटर गैस पाइपलाइन नेटवर्क में से करीब तीन चौथाई गेल के अधीन है. (रॉयटर्स)
देश में 17,126 किलोमीटर गैस पाइपलाइन नेटवर्क में से करीब तीन चौथाई गेल के अधीन है. (रॉयटर्स)
GAIL India Split Plan News: सरकारी क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस मार्केटिंग और कारोबार करने वाली कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड (GAIL India Limited) के विभाजन प्रस्ताव फिलहाल कैंसिल कर दिया गया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इसकी जगह कंपनी इनविट (InvIT) के जरिये पाइपलाइन कारोबार में कुछ हिस्सेदारी बेचकर उसका मोनेटाइजेशन करेगी.
खबर के मुताबिक, गेल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (CMD) मनोज जैन ने कहा कि कंपनी ने अपनी दो पाइपलाइन परियोजनाएं बाजार पर चढ़ाने को लेकर योजना पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भेजी है. अगर मंजूरी मिल जाती है तो बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) चालू वित्त वर्ष में ही संभव है.
गैस पाइपलाइन नेटवर्क में से करीब तीन चौथाई गेल के अधीन
देश में 17,126 किलोमीटर गैस पाइपलाइन नेटवर्क में से करीब तीन चौथाई गेल के अधीन है. इससे गेल की बाजार में मजबूत स्थिति है. इसी को देखते हुए, यह प्रपोजल किया गया था कि गेल के पाइपलाइन कारोबार को अलग कंपनी का रूप दिया जाएगा. कंपनी के वित्तीय परिणाम के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में जैन ने कहा कि इस संदर्भ में कोई लंबित प्रस्ताव नहीं है.
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उनसे यह पूछा गया था कि कंपनी के पाइपलाइन कारोबार को नई अनुषंगी इकाई में हस्तांतरित करने के प्रस्ताव का क्या हुआ. इस प्रस्ताव के तहत गेल के पास प्राकृतिक गैस विपणन और पेट्रोरसायन उत्पादन का कारोबार रह जाता.
इनविट को लेकर प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया
जैन ने कहा कि हम शुरू में इनविट के जरिये पाइपलाइन कारोबार को बाजार में पेश कर रहे हैं. दो पाइपलाइन परियोजनाओं के लिये इनविट को लेकर प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया है. एक बार इसकी मंजूरी मिलने के बाद, हम इसे बाजार पर चढ़ाने की योजना पर आगे कदम बढ़ाएंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब है कि कंपनी की विभाजन योजना को रद्द कर दिया गया है, उन्होंने कहा कि ऐसा ही जान पड़ता है.
कंपनी ने बताई क्या है सोच
जैन ने कहा कि इसके पीछे सोच यह है कि निरंतर इनकम जेनरेट करने वाले पाइपलाइन को न्यास को सौंपा जाए जो यूनिट निवेशकों को बेच सकता है और उसका शेयर बाजार में कारोबार हो सकता है. इसके जरिये गेल को तुंरत पैसे मिलेंगे जिसका इस्तेमाल पूंजी खर्च में किया जा सकता है. इसकी शुरूआत गेल दाहेज-उरन-पनवेल-दाभोल पइपलाइन और दाभोल-बेंगलुरू-पाइपलाइन से कर सकती है.
इनविट को समझ लीजिए
इनविट म्यूचुअल फंड की तरह होता है. इसके जरिये संभावित निवेशक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में छोटी राशि के जरिये निवेश कर रेगुलर इनकम के रूप में रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इनविट के माध्यम से शुरू में 10 से 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जा सकती है. जैन के मुताबिक, मंत्रालय की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा. वहां से समय से मंजूरी के बाद इनविट चालू वित्त वर्ष में पेश किया जा सकता है.
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10:27 PM IST