SBI और UBI के होम लोन हो सकते हैं और सस्ते! बैंकों ने MCLR में की कटौती
MCLR: देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई और एक दूसरे सरकारी बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में क्रमश: 0.15 प्रतिशत तक और 0.10 प्रतिशत की कटौती कर दी है.
एमसीएलआर कमर्शियल बैंकों की उधार दर तय करने के लिए मौजूदा बेस रेट सिस्टम है. (जी बिजनेस)
एमसीएलआर कमर्शियल बैंकों की उधार दर तय करने के लिए मौजूदा बेस रेट सिस्टम है. (जी बिजनेस)
अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) के कस्टमर हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. आने वाले दिनों में इन बैंक के होम लोन (Home Loan) समेत दूसरे लोन सस्ते हो सकते हैं. दरअसल, देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई और एक दूसरे सरकारी बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में क्रमश: 0.15 प्रतिशत तक और 0.10 प्रतिशत की कटौती कर दी है. इसका असर इन बैंकों के लोन पर होगा. एसबीआई की नई MCLR दर 10 मार्च 2020 से लागू हुई हैं. यूबीआई की नई दरें 11 मार्च से लागू हो गई हैं. हालांकि एसबीआई ने एफडी पर मिलने वाले ब्याज में कटौती कर दी है. नई दरें 10 मार्च से लागू हो गई हैं.
एसबीआई की तरफ से दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक, एक साल के लिए एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की गई है. नई दरें अब 7.75 प्रतिशत हो गई है जो पहले 7.85 प्रतिशत थी. बता दें, बैंक ने चालू वित्तीय वर्ष (2019-20) के दौरान अब तक एमसीएलआर में 10वीं बार कटौती की है.
एसबीआई की नई दरें
एक दिन से लेकर एक महीने तक के लिए एमसीएलआर 0.15 प्रतिशत घटाकर 7.45 प्रतिशत हो गया है. इसी प्रकार, तीन महीने के लिए एमसीएलआर 7.50 प्रतिशत हो गया है जो पहले 7.65 प्रतिशत था. इसके अलावा, दो साल और तीन साल के लिए एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की कटौती हुई है. यह अब क्रमश: 7.95 प्रतिशत और 8.05 प्रतिशत हो गया है.
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यूनियन बैंक की नई दरें
सरकारी बैंक यूबीआई ने अपने सभी अवधियों के लिए एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत तक की कटौती कर दी है. बैंक ने एक साल के एमसीएलआर को 8.10 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया है. यूबीआई ने एक महीने के लिए एमसीएलआर को 7.60 प्रतिशत और एक दिन का रेट 7.55 प्रतिशत रखा है.
क्या है एमसीएलआर
यह कमर्शियल बैंकों की उधार दर तय करने के लिए मौजूदा बेस रेट सिस्टम है. इसकी शुरुआत अप्रैल 2016 में की गई थी. इसकी वजह से लोन लेना थोड़ा आसान हो गया है. जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर (बेस रेट) कहते हैं.
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बैंक बेस रेट से कम पर किसी को लोन नहीं दे सकता. इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसकी कैलकुलेशन धनराशि की सीमांत लागत, पीरियोडिक प्रीमियम, संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात (Cash reserves ratio) को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है.
02:26 PM IST