RBI Guidelines: लोन लेने वालों के लिए जरूरी खबर, ग्राहकों के हित में आरबीआई ने जारी किए हैं नए निर्देश
आरबीआई ने बैंकों के लिए सभी रिटेल और MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों) को दिए जाने वाले कर्ज के लिए उधारकर्ताओं को ब्याज और अन्य शर्तों समेत ‘मुख्य तथ्य विवरण’ (KFS- key fact statement) देना अनिवार्य करने का निर्देश दिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों के लिए सभी खुदरा और MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों) को दिए जाने वाले कर्ज के लिए उधारकर्ताओं को ब्याज और अन्य शर्तों समेत ‘मुख्य तथ्य विवरण’ (KFS- key fact statement) देना अनिवार्य करने का गुरुवार को निर्णय लिया. वर्तमान में केएफएस वाणिज्यिक बैंकों की ओर से पर्सनल लोन लेने वालों को दिए जाने वाले लोन, आरबीआई की ओर से रेगुलेट की जाने वाली संस्थाओं (RE) की ओर से डिजिटल लोन और सूक्ष्म वित्त ऋण के संबंध में अनिवार्य है.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा?
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने हाल ही में ग्राहकों पर लगाए गए ऋण और दूसरे शुल्कों के मूल्य निर्धारण में आरई द्वारा अधिक पारदर्शिता और खुलासे को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की है. ऐसा ही एक उपाय यह है कि ऋणदाताओं को अपने उधारकर्ताओं को एक सरल तथा समझने में आसान प्रारूप में ऋण समझौते के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी वाला एक केएफएस प्रदान करना होगा. गवर्नर ने कहा, ‘‘ सभी आरई के लिए सभी खुदरा तथा एमएसएमई ऋणों के लिए उधारकर्ताओं को केएफएस प्रदान करना अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है.’’ दास ने कहा कि सभी समावेशी ब्याज लागत सहित ऋण समझौते की शर्तों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने से उधारकर्ताओं को सोच-समझकर फैसला करने बेहद मदद मिलेगी.
RBI Monetary Policy | Zee Business के सवाल पर RBI गवर्नर शक्तिकांता दास का जवाब...
— Zee Business (@ZeeBusiness) February 8, 2024
Loan के अन्य चार्ज भी ब्याज दर में शामिल करने वाला नियम क्या है?
जानिए खुद RBI गवर्नर से...#MonetaryPolicy #RBIPolicy #RBIgovernor #ShaktikantaDas @BrajeshKMZee @AnilSinghvi_ @DasShaktikanta… pic.twitter.com/97JaYKwQa6
आरबीआई ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी), गिफ्ट सिटी, गांधीनगर में ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) बाजार में सोने की कीमत के जोखिम से बचाने के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम की भी घोषणा की. निवासी संस्थाओं को सोने की कीमत के जोखिम से बचाने के लिए दिसंबर, 2022 में उन्हें आईएफएससी में मान्यता प्राप्त एक्सचेंज तक पहुंच की अनुमति दी गई थी. दास ने कहा कि आईएफएससी में ओटीसी खंड में सोने की कीमत के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए यह फैसला किया गया है. केंद्रीय बैंक संबंधित निर्देश अलग से जारी करेगा.
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रेगुलेशन पर भी घोषणा
TRENDING NOW
इस बीच, आरबीआई ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) के लिए नियामकीय ढांचे की समीक्षा की भी घोषणा की. गवर्नर दास ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ‘ऑनशोर फॉरेक्स’ बाजार का ‘ऑफशोर’ बाजार के साथ एकीकरण बढ़ा है, प्रौद्योगिकी परिदृश्य में उल्लेखनीय विकास हुआ है और उत्पाद विविधता में वृद्धि हुई है. बाजार निर्माताओं ने अनुमत भारतीय रुपया (आईएनआर) उत्पादों की पेशकश करने वाले ऑफशोर ईटीपी तक पहुंच के लिए भी अनुरोध किया है. दास ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) की सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने के आरबीआई के इरादे की भी घोषणा की, जिसका उपयोग 2023 में 37 करोड़ लोगों द्वारा किया गया था.
दास ने कहा, ‘‘एईपीएस लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, बैंकों द्वारा पालन किए जाने वाले ‘एईपीएस टच पॉइंट ऑपरेटर’ के लिए अनिवार्य उचित परिश्रम सहित ‘ऑनबोर्डिंग’ प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का प्रस्ताव है.’’ उन्होंने कहा कि इस पर निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे. वर्तमान में दास ने कहा कि ऋणदाता अतिरिक्त कारक प्रमाणीकरण आवश्यकताओं के अनुपालन के लिए एसएमएस पद्धति का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन प्रौद्योगिकी में प्रगति ने नए साधन खोल दिए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ डिजिटल सुरक्षा के लिए ऐसे तंत्रों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए, सिद्धांत-आधारित डिजिटल भुगतान लेनदेन के प्रमाणीकरण के लिए रूपरेखा अपनाने का प्रस्ताव है.’’
(भाषा से इनपुट)
02:21 PM IST