Loan EMI Bounce: बाउंस हो गई है लोन की ईएमआई, तो घबराएं नहीं, ऐसे हल होगी आपकी ये समस्या
ईएमआई बाउंस होने पर बैंक की तरफ से पेनल्टी लगाई जाती है. लेकिन अगर आपने जानबूझकर ऐसा नहीं किया है, तो आपको फौरन कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए.
बाउंस हो गई है लोन की ईएमआई, तो घबराएं नहीं, इन बातों का ध्यान रखकर हल करें समस्या (Zee News)
बाउंस हो गई है लोन की ईएमआई, तो घबराएं नहीं, इन बातों का ध्यान रखकर हल करें समस्या (Zee News)
जब भी आप मकान खरीदते हैं या कार वगैरह खरीदते हैं तो कई बार लोन लेते हैं. लोन लेने पर आपको बैंक से एक मुश्त रकम मिल जाती है और लोन की किस्त ब्याज के साथ ईएमआई के तौर पर तब्दील हो जाती है. ईएमआई के लिए एक निश्चित डेट निर्धारित कर दी जाती है. उस तिथि में हर हाल में आपको ईएमआई देनी ही पड़ती है. लेकिन मान लीजिए कि किसी महीने में आपके पास पैसों का इंतजाम समय से नहीं हो पाया और आप ईएमआई बाउंस हो जाए, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. हर समस्या का समाधान होता है. आइए फाइनेंशियल एक्सपर्ट शिखा चतुर्वेदी से जानते हैं इसके बारे में.
बैंक मैनेजर से मिलें
शिखा कहती हैं कि लोन की ईएमआई बाउंस होने पर बैंक की तरफ से पेनल्टी लगाई जाती है. लेकिन अगर आपने जानबूझकर ऐसा नहीं किया है, तो आपको फौरन कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए. सबसे पहले जिस बैंक से आपने लोन लिया है, उस शाखा में जाकर बैंक मैनेजर से मिलें और अपनी समस्या बताएं. ऐसे में मैनेजर आपको आगे से ऐसा न करने की सलाह देंगे और अगली किस्त को समय से चुकाने के लिए कहेंगे. आप उन्हें भरोसा दिलाएं कि आगे से ऐसा नहीं होगा. इस बीच अगर पेनल्टी लगाई भी जाती है, तो वो इतनी नहीं होगी कि आप दे न सकें.
ईएमआई को होल्ड करने के लिए आवेदन
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अगर आपकी समस्या ज्यादा बड़ी है और आप मैनेजर को अपनी मजबूरी बताकर कुछ समय तक किस्त को होल्ड करने के लिए आवेदन लगा सकते हैं. कुछ समय बाद आप पैसों का इंतजाम होने पर रकम चुका सकते हैं. इससे आपको मुश्किल समय में थोड़ी राहत मिल जाएगी.
एरियर EMI का विकल्प
अगर आपके पास ईएमआई के लिए निश्चित तिथि तक फंड नहीं आ पाता है, लेकिन कुछ समय बाद पैसा अरेंज हो जाता है तो आप एरियर EMI के लिए मैनेजर से बात कर सकते हैं. लोन की किस्त की तारीख आमतौर पर महीने की शुरुआत में होती है, इसे एडवांस EMI कहते हैं. ज्यादातर लोन लेने वालों को एडवांस ईएमआई का विकल्प दिया जाता है. लेकिन अगर आप चाहें तो आप एरियर EMI का विकल्प भी ले सकते हैं. इसमें आप महीने की आखिर में अपनी किस्त चुकाते हैं.
सिबिल स्कोर के लिए बात करें
तीन महीने तक किस्त बाउंस होने पर बैंक मैनेजर सिबिल स्कोर के लिए रिपोर्ट भेजता है. अगर आपका लोन इससे कम समय के लिए बाउंस हुआ है तो आप बैंक मैनेजर से रिक्वेस्ट करें कि वो आपके सिबिल में निगेटिव रिपोर्ट न भेजें. सिबिल स्कोर खराब होने पर आपको अगली बार लोन लेने में परेशानी हो सकती है.
05:30 PM IST