Digital Rupee में रहेगा प्राइवेसी का डर? CBDC पर क्या बोले RBI गवर्नर शक्तिकांत दास, जानिए
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि हाल में पेश केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपया (CBDC) नकद मुद्रा की तरह है और इसमें लेन-देन के बारे में बैंकों के पास कोई जानकारी नहीं रहेगी, लिहाजा निजता को लेकर लोगों के मन में डर बैठने की कोई जरूरत नहीं है.
Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि हाल में पेश केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपया (CBDC) नकद मुद्रा की तरह है और इसमें लेन-देन के बारे में बैंकों के पास कोई जानकारी नहीं रहेगी, लिहाजा निजता को लेकर लोगों के मन में डर बैठने की कोई जरूरत नहीं है. दास ने मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सीबीडीसी के थोक उपयोग पर आरबीआई का पायलट प्रोजेक्ट बहुत संतोषजनक रहा है. इसके अलावा इस डिजिटल मुद्रा के खुदरा उपयोग के लिए हाल ही में किए गए पायलट प्रोजेक्ट से मिले सबक को भी आत्मसात करने की कोशिश की जाएगी. आरबीआई ने सीबीडीसी के तौर पर ई-रुपये का पायलट टेस्ट किया है. नवंबर की शुरुआत में थोक इस्तेमाल का प्रायोगिक परीक्षण कुछ बैंकों के साथ किया था. वहीं इसके खुदरा इस्तेमाल का प्रायोगिक परीक्षण दिसंबर की शुरुआत में किया गया है.
सीबीडीसी का इस्तेमाल करने वालों के जांच एजेंसियों की पकड़ में आने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, "आप किसी को नकदी मुद्रा में भुगतान करते हैं तो इसमें भी कुछ वैसा ही है. डिजिटल मुद्रा से भी लेनदेन करने के बारे में पता नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि यह जानकारी बैंक के पास नहीं रहती है। बैंक को भी पता नहीं होता है." उन्होंने कहा, "यह मेरे मोबाइल फोन से किसी दूसरे के मोबाइल फोन पर जाता है. ऐसे में हमें इसे लेकर मन में किसी तरह का संदेह नहीं बैठाना चाहिए."
इसके साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि नकद भुगतान पर आयकर विभाग की तरफ से लगाई गई कुछ सीमाएं सीबीडीसी के मामले में भी लागू रहेंगी. उन्होंने कहा, "आयकर विभाग के नकद भुगतान संबंधी प्रावधान सीबीडीसी के मामले में भी लागू होंगे क्योंकि ये दोनों ही मुद्राएं हैं."
TRENDING NOW
दरअसल रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव समेत कई विशेषज्ञों ने डिजिटल मुद्रा के संबंध में निजता को लेकर आशंकाएं जताई है.। उनका कहना है कि डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करने वाले लोगों की जानकारी बैंक के पास दर्ज हो जाएगी जो उसकी निजता का उल्लंघन होगा. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने एक हद तक इस आशंका को स्वीकार करने के साथ ही कहा कि केंद्रीय बैंक सीबीडीसी को भी कागजी मुद्रा की तरह अनाम बनाने के तरीके तलाशने में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि इसके लिए आरबीआई एक प्रौद्योगिकी एवं कानूनी समाधान निकालने की कोशिश में लगा हुआ है.
09:05 PM IST