ऑनलाइन फ्रॉड से बचा सकता है ATM कार्ड के पीछे लिखा CVV नंबर, जानें कैसे
बैंकिंग फ्रॉड के ज्यादातर मामलों ग्राहकों की लापरवाही या सावधानी न बरतने की वजह से अंजाम दिए जाते हैं. ज्यादातर बैंकिंग या ऑनलाइन फ्रॉड आपके CVV (Card Verification Value) नंबर चोरी होने से ही होते हैं.
सारे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन इसी सीवीवी नबंर के आधार पर ही होते हैं.
सारे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन इसी सीवीवी नबंर के आधार पर ही होते हैं.
हम अक्सर खबरों में देखते हैं कि आज किसी के अकाउंट से 50,000 रुपए निकल गए. किसी के क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग कर ली गई या फिर किसी के एटीएम कार्ड से पैसे निकल गए. यहां तक की कई लोग ऑनलाइन बैंकिंग सेवा का इस्तेमाल भी इसी डर से नहीं करते हैं कि वो बैंकिंग फ्रॉड का शिकार न बन जाएं. लेकिन, बता दें बैंकिंग फ्रॉड के ज्यादातर मामलों ग्राहकों की लापरवाही या सावधानी न बरतने की वजह से अंजाम दिए जाते हैं. ज्यादातर बैंकिंग या ऑनलाइन फ्रॉड आपके CVV (Card Verification Value) नंबर चोरी होने से ही होते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप आपना सीवीवी नंबर के महत्व को समझें और उसकी सुरक्षा करें.
आजकल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहा है. जिस तेजी से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ा है, उसी तेजी से ऑनलाइन फ्रॉड भी बढ़े हैं. लेकिन, अगर आप अपने सीवीवी नबंर को सुरक्षित कर लें तो ऐसे फ्रॉड से बच सकते हैं. यह CVV नबंर क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की पिछली तरफ मैग्नेटिक स्ट्रिप नीचे लिखा हुआ होता है. आमतौर 3 अंक का होता है. सारे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन इसी सीवीवी नबंर के आधार पर ही होते हैं.
बिना CVV नहीं होता ट्रांजेक्शन
जैसे ही आप कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं, आपसे CVV नबंर दर्ज करने को कहा जाता है. बिना इसके कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं होता है. 3 अंक का यह सीक्रेड कोड होता है, जो अगर दूसरों को पता चल जाए तो आसानी से आपके क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के माध्यम से फ्रॉड कर सकता है. सीवीवी का पूरा मतलब होता है कार्ड वैरिफिकेशन वैल्यु. वैसे कुछ लोग इसे कार्ड वैरिफिकेशन कोड भी कहते हैं.
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सेव नहीं होता CVV नंबर
सीवीवी नबंर को ऑनलाइन सेव नहीं किया जा सकता है. सीवीवी कोड की यह सबसे बड़ी खासियत है कि यह सेव नहीं किया जा सकता है. यही कारण है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने पर सभी जानकारी डालने के बाद जब सीवीवी नबंर डाला जाता है, तो यह सेव नहीं होता है. यही कारण है कि जब आप अगली बार उसी साइट से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं तो वहां पर पूरी जानकारी मिल जाती है, लेकिन CVV नबंर दोबारा डालना पड़ता है.
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ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में बनाई गई है अतिरिक्त सुरक्षा लेयर
RBI ने पिछले कुछ समय से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) को अनिवार्य बनाया है. इससे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ज्यादा सेफ हुआ है, लेकिन सीवीवी नबंर की वैल्यू कम नहीं हुई है. ऐसे में लोगों को अपना CVV नबंर सुरक्षित रखने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए. यह नबंर आपके क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के पीछे लिखा होता है. इसकी सुरक्षा का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इस नबंर को याद कर लें और अपने कार्ड से इसे मिटा दें.
04:39 PM IST