Bank हाई क्वालिटी लोन पर दें ध्यान, दोस्ती में न बांटे कर्ज, मुख्य आर्थिक सलाहकार की नसीहत
Bank loan news:जब पूंजी ज्यादा योग्य लोन लेने वालों को नहीं जाती है तो उस अवसर की एक लागत वहन करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र की यह ड्यूटी है कि अर्थव्यवस्था में पूंजी का उचित आवंटन हो.
सरकार ने बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र की परियोजनाओं को फाइनेंस उपलबध कराने के लिए एक विकास वित्त संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया है. (ANI)
सरकार ने बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र की परियोजनाओं को फाइनेंस उपलबध कराने के लिए एक विकास वित्त संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया है. (ANI)
Bank loan news: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियन (K V Subramanian) ने मंगलवार को बैंकों और वित्तीय संस्थानों को नसीहत देते हुए कहा कि वह यारी-दोस्ती में लोन बांटने से बचें और लोन देते हुए हाई क्वालिटी मानकों पर ध्यान दें ताकि देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिल सके. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने माना कि 1990 के शुरुआती वर्षों में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को कमजोर गुणवत्ता का लोन देने की समस्या से जूझना पड़ा. खासतौर से बड़ी राशि के लोन हाई क्वालिटी स्टैंडर्ड का पालन किए बिना दिए गए. ये लोन पूंजीवादी मित्रों को दिए गए जिससे कि बैंकिंग क्षेत्र में समस्या बढ़ गई.
योग्य को लोन न मिलना बढ़ाता है लागत (Not getting the loan to the worthy increases the cost)
खबर के मुताबिक, वाणिज्य और उद्योग मंडल फिक्की की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, जब कभी वित्तीय क्षेत्र ऐसे किसी खास व्यक्ति को लोन देने का फैसला करता है जो कि लोन देने योग्य नहीं है लेकिन आपसे ज्यादा जुड़ा हुआ है, तो इसका सीधा सा मतलब है कि पूंजी उपलब्ध नहीं कराई जा रही. जब पूंजी ज्यादा योग्य लोन लेने वालों को नहीं जाती है तो उस अवसर की एक लागत वहन करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र की यह ड्यूटी है कि अर्थव्यवस्था में पूंजी का उचित आवंटन हो.
बैंकों ने इन्फ्रा क्षेत्र को ज्यादा लोन दिया (Banks give more loan to infra sector)
यह देखने की बात है कि बैंकिंग क्षेत्र में फंसे लोन की समस्या की बड़ी वजह यह रही कि बैंकों ने इन्फ्रा क्षेत्र को ज्यादा लोन दिया. इस क्षेत्र में कई बातों को लेकर समस्या खड़ी हो रही थी. उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र की बेहतरी की वकालत करते हुए कहा, मेरा मानना है कि यह अब काफी अहम है कि वित्तीय क्षेत्र ने उच्च गुणवत्ता मानकों पर लोन देने की जिम्मेदारी उठाई है. खासतौर से ढांचागत परियोजनाओं के मामले में वह इसका ध्यान रख रहा है और घनिष्ठ मित्रों को लोन देने से बच रहा है. मेरा मानना है कि वित्तीय क्षेत्र की बेहतरी का यही एकमात्र मंत्र है.
कॉर्पोरेट गवर्नेस को मजबूत बनाने का भी सुझाव (Suggestions for strengthening corporate governance)
सुब्रमणियन ने वित्तीय क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता का लोन दिये जाने को सुनिश्चित करने के वास्ते कॉर्पोरेट गवर्नेस को मजबूत बनाने का भी सुझाव दिया. इसके साथ ही उन्होंने हाई क्वालिटी के लोन बांटने को सीनियर मैनेजर्स के प्रोत्साहन के साथ जोड़े जाने का भी सुझाव दिया. सुब्रमणियन ने कहा कि विकास वित्तीय संस्थान ढांचागत परियोजनाओं के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि ऐसी परियोजनाओं के लिए खास तरह की विशेषज्ञता की जरूरत होती है.
विकास वित्त संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव (Proposal to establish Development Finance Institute)
सरकार ने बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र की परियोजनाओं को फाइनेंस उपलबध कराने के लिए एक विकास वित्त संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया है. इस विकास वित्त संस्थान को राष्ट्रीय अवसंरचना एवं विकास वित्तपोषण बैंक का नाम दिया जा सकता है. यह बैंक अवसंरचना परियोजनाओं के लिये तैयार की गई पाइपलाइन को अमल में लाने की दिशा में पहल करेगा. इस राष्ट्रीय पाइपलाइन परियोजना के तहत 7,000 परियोजनाओं की पहचान की गई है जिसमें 2020- 25 तक 111 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है.
दिवाला प्रक्रिया के तहत दर्ज 4,000 कंपनियों में से 2,000 की प्रक्रिया पूरी (2,000 out of 4,000 companies registered under insolvency process)
कार्यक्रम के दौरान दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड के चेयरमैन एम एस साहू ने कहा की दिवाला प्रक्रिया के तहत दर्ज 4,000 कंपनियों में से 2,000 की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. उनहोंने कहा कि खराब फंसी संपत्तियों का निर्धारण करने के बजाय उनके समाधान से ज्यादा मूल्य प्राप्त हो रहा है. कुछ कंपनियों के मामले में तो यह उनके निर्धारण मूल्य की तुलना में 300 प्रतिशत तक ज्यादा प्राप्त हुआ है.
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02:25 PM IST