Bank Loan: ₹10 लाख करोड़ के लोन बैंकों ने बट्टे खाते में डाले, सरकार ने सदन में दी जानकारी, जानबूझकर इतनों ने नहीं चुकाया कर्ज
Bank Loan: जानबूझकर चूक करने वालों की सबसे ज्यादा संख्या वर्ष 2020-21 में थी. उस दौरान 2,840 ने लोन लौटाने में चूक की थी. उसके अगले वर्ष यह संख्या 2,700 थी.
Bank Loan: बैंकों ने पिछले पांच वित्त वर्ष में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के ऋण (Bank Loan) बट्टे खाते में डाला है. वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड़ (minister of state for finance bhagwat Karad) ने मंगलवार को राज्यसभा (Rajya sabha) में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान, बट्टेखाते में डाली जाने वाली राशि इससे पिछले वित्तवर्ष के 2,02,781 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 1,57,096 करोड़ रुपये रह गई. पीटीआई की खबर के मुताबिक, वर्ष 2019-20 में, बट्टेखाते में डाली गई राशि 2,34,170 करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2018-19 में 2,36,265 करोड़ रुपये के पांच साल के रिकॉर्ड स्तर से कम था.उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के दौरान, बैंकों ने बट्टे खाते (Banks write off loans) में 1,61,328 करोड़ रुपये डाली थी.
कुल इतनी राशि बैंक ऋण बट्टे खाते में डाली गई
खबर के मुताबिक, मंत्री ने कहा कि कुल मिलाकर, पिछले पांच वित्त वर्ष (2017-18 से 2021-22) में 9,91,640 करोड़ रुपये का बैंक ऋण बट्टे खाते में डाला गया है. उन्होंने यह भी कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) और सभी भारतीय वित्तीय संस्थान रिजर्व बैंक को बड़े लोन पर सूचना के केंद्रीय रिपोजिटरी (सीआरआईएलसी) के तहत 5 करोड़ रुपये और उससे ज्यादा के कुल लोन लेने वाले सभी उधारकर्ताओं के बारे में जानकारी देते हैं. रिजर्व बैंक के मुताबिक, जानबूझकर ऋण चुकाने में चूक करने वालों के संबंध में सीआरआईएलसी आंकड़े वर्ष 2018-19 से रखे जा रहे हैं. उन्होंने कहा, पिछले चार साल में ऋण अदायगी मामलों में जानबूझकर चूक करने वालों की कुल संख्या 10,306 थी.
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लोन लौटाने में चूक सबसे ज्यादा 2020-21 में हुई
जानबूझकर चूक करने वालों की सबसे ज्यादा संख्या वर्ष 2020-21 में थी. उस दौरान 2,840 ने लोन लौटाने में चूक की थी. उसके अगले वर्ष यह संख्या 2,700 थी. मार्च 2019 के आखिर में ऐसे चूककर्ताओं (Banks write off loans) की संख्या 2,207 थी जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 2,469 हो गई. मार्च 2022 तक शीर्ष 25 चूककर्ताओं का विवरण साझा करते हुए, कराड ने कहा, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड इस सूची में सबसे ऊपर है. इसके बाद एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग, कॉनकास्ट स्टील एंड पावर, आरईआई एग्रो लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड का स्थान है.
ये बड़े बकाएदार
फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स पर बैंकों का 7,110 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग पर 5,879 करोड़ रुपये और कॉनकास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड पर 4,107 करोड़ रुपये बकाया (Banks write off loans) है. इसके अलावा, आरईआई एग्रो लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड ने बैंकों से क्रमश: 3,984 करोड़ रुपये और 3,708 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. इसके अलावा फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड पर 3,108 करोड़ रुपये, विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी पर 2,671 करोड़ रुपये, रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड पर 2,481 करोड़ रुपये, कोस्टल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड पर 2,311 करोड़ रुपये और कुडोस केमी पर 2,082 करोड़ रुपये बकाया हैं.
03:33 PM IST