सावधान! आपके फोन में आ सकता है 'एजेंट स्मिथ', एक झटके में खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट
आपके फोन में 'एजेंट स्मिथ' का अटैक हो चुका है. यह एक शातिर वायरस है, जो आपके फोन में मौजूद ऐप्स में घुसकर उनकी जगह नकली वर्जन इन्स्टॉल कर देता है.
भारत स्मार्टफोन का एक बड़ा और तेजी के साथ उभरता हुआ मार्केट है. (फोटो: जी बिजनेस)
भारत स्मार्टफोन का एक बड़ा और तेजी के साथ उभरता हुआ मार्केट है. (फोटो: जी बिजनेस)
क्या आपका एंड्रायड फोन लगातार हैंग कर रहा है या उसमें फाइनेंशियल प्रॉफिट वाले विज्ञापन आ रहे हैं? तो सावधान हो जाइए क्योंकि, आपके फोन में 'एजेंट स्मिथ' का अटैक हो चुका है. यह एक शातिर वायरस है, जो आपके फोन में मौजूद ऐप्स में घुसकर उनकी जगह नकली वर्जन इन्स्टॉल कर देता है. इसकी मदद से हैकर फोन इस्तेमाल करने वाले बैंकिंग डिटेल्स जैसी गोपनीय जानकारी तक चुरा सकता है. इसलिए NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने भी बैंकों को एक एडवाइजरी भी जारी की है. इसमें कहा गया है कि बैंक अपने ग्राहकों को इस वायरस से बचने के लिए कहें.
आपको साल 1999 में आई हॉलीवुड की ऐक्शन पैक मूवी मेट्रिक्स तो याद होगी. इस फिल्म में एक कैरेक्टर था एजेंट स्मिथ, जो एक किस्म का वायरस था जो मेट्रिक्स के पूरे सिस्टम पर अपना कब्जा चाहता था. ये तो एक फिल्म थी जिसने कल्पना को उड़ान दी और इंसानों को एक कंप्यूटर प्रोग्राम की तरह दिखाया. ये रील लाइफ की कहानी अब रियल लाइफ में भी दिखाई दे रही है और वो कहीं और नहीं बल्कि आपके फोन में ही मिल जाएगी.
साइबर सिक्योरिटी फर्म चेक पॉइंट की रिसर्च के मुताबिक, एजेंट स्मिथ एक खतरनाक मालवेयर है. जो दुनियाभर में एंड्रॉयड फोन्स को अपना निशाना बना रहा है. भारत के करीब 1.5 करोड़ एंड्रॉयड फोन इससे प्रभावित हैं. दुनिया के लगभग 2.5 करोड़ एंड्रॉयड स्मार्टफोन में ये वायरस मौजूद है. ये वायरस आपके फोन में थर्ड पार्टी ऐप जैसे 9apps.com के जरिए आता है, जो कि एंड्रॉयड OS की कमजोरियों का फायदा उठा कर फोन में घुस जाता है.
#LIVE | आपके मोबाइल पर 'एजेंट स्मिथ' की नजर। देखिए #AapkiKhabarAapkaFayda @pallavi_nagpal के साथ। #AgentSmith https://t.co/oJyuEodC7j
— Zee Business (@ZeeBusiness) July 15, 2019
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
ये ऐप इतना शातिर है कि असली ऐप को नकली से बदल देता है, जिसकी भनक फोन इस्तेमाल करने वाले तक को नहीं पड़ती. फोन में आने के बाद ये फोन की तमाम जानकारियां हैकर्स को भेजना शुरू करता है. इसमें बैंकिंग डिटेल्स जैसी बेहद संवेदनशील जानकारियां भी शामिल हैं. इसने अब तक अरबी, हिंदी, इंडोनेशियन भाषा बोलने वालों का ज्यादा टारगेट किया है.
भारत स्मार्टफोन का एक बड़ा और तेजी के साथ उभरता हुआ मार्केट है. यहां पर ज्यादातर लोग एंड्रॉयड फोन्स ही इस्तेमाल करते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए NPCI ने भी बैंकों को एक एडवाइजरी जारी की है... जिसमें कहा गया है कि बैंक अपने सभी ग्राहकों को इस वायरस के बारे में जानकारी दें. साथ ही उन्हें बैंकिंग ऐप को सिर्फ प्ले स्टोर से डाउनलोड करने को कहें. किसी दूसरे जरिए से ऐप इंस्टॉल करना वायरस को बुलावा दे सकता है. बैंक ग्राहकों को फोन में एंटी वायरस भी इंस्टॉल करने की सलाह दें. ग्राहक फोन में बैंकिंग यूजर आईडी, पासवर्ड जैसी चीजें टेक्स्ट फॉर्म में न रखें. ऐप डेटा को इंक्रिप्टेड फॉर्म में ही रखना सुरक्षित है.
गूगल प्ले स्टोर पर करीब 50,000 फर्जी ऐप्स मौजूद हैं. कई फर्जी ऐप्स असली ऐप्स की नकल की तरह बनाए गए हैं. जो देखने में बिलकुल असली ऐप्स की तरह लगते हैं. वायरस फोन में आने के लिए इन्हीं ऐप्स को जरिया बनाते हैं. अन-ट्रस्टेड सोर्स से भी ऐप डाउनलोड करना खतरनाक हो सकता है. एजेंट स्मिथ इन ऐप्स के जरिए भी फोन में आ सकता है. फर्जी गेमिंग ऐप्स से भी वायरस फोन में आता है.
वायरस से बचने के लिए क्या करें
- बिना काम के ऐप्स अपने फोन में न इंस्टॉल करें.
- अगर आपने ऐसा कोई ऐप डाउनलोड कर रखा है तो उसे तुरंत डिलीट करें.
- फोन पर फिजूल के विज्ञापन दिख रहे हैं तो वायरस स्कैन करें.
- फोन में वायरस होने का अंदेशा हो तो फोन एक बार फॉर्मेट कर लें.
- इसके अलावा अपने सोशल, बैंक अकाउंट से जुड़े सारे पासवर्ड भी बदल दें.
- किसी भी एप को थर्ड पार्टी साइट से डाउनलोड न करें.
- एप सिर्फ गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें.
- डाउनलोड से पहले ऐप डेवलपर का नाम जरूर देखें.
- ऐप के लोगो को ध्यान से देखें.
- ऐप फर्जी तो लोगो में फर्क दिखेगा.
- ऐप के नाम की स्पेलिंग भी जांच लें.
- फर्जी ऐप में स्पेलिंग में थोड़ा अंतर होता है.
- ऐप के दिए स्क्रीन शॉट को भी ध्यान से देखें.
- डाउनलोड से पहले ऐप के रिव्यू को भी जरूर पढ़ें.
- नंबर ऑफ डाउनलोड भी जांच का एक पैमाना है.
06:48 PM IST