Jet Airways को आखिरकार मिल गया खरीदार, फिर भी सामने रख दी यह शर्त
खस्ता हाल जेट एयरवेज को लगभग 7731 करोड़ रुपये का भुगतान अगले 3 वर्षों में करना है.
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने भी जेट एयरवेज की साख सुविधाओं की रेटिंग घटा दी थी.
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने भी जेट एयरवेज की साख सुविधाओं की रेटिंग घटा दी थी.
आर्थिक संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज को खरीदने में टाटा संस ने कदम बढ़ाए हैं. हालांकि यह चर्चा लंबे समय से है कि जेट एयरवेज को केवल टाटा संस ही जीवन दान दे सकती है. टाटा ने ही सरकार विमानन कंपनी एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन कुछ मुद्दों के लेकर सरकार के साथ टाटा की डील फाइनल नहीं हुई. टाटा के बाद किसी अन्य एयरलाइंस ने एयरइंडिया में दिलचस्पी नहीं दिखाई. टाटा ग्रुप की इस समय एयर एशिया इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस में हिस्सेदारी है.
टाटा संस कर रही है पड़ताल
Reuters में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, जेट एयरवेज के प्रमुख नरेश अग्रवाल और टाटा संस के मुख्य वित्त अधिकारी सौरभ अग्रवाल के बीच पिछले दिनों इस डील को लेकर आपस में मुलाकात भी हुई. यह मुलाकात बेहद निजी बताई गई है. जानकार बताते हैं कि टाटा संस की एक पूरी टीम जेट एयरवेज की बड़ी सावधानी से पड़ताल कर रही है और यह पड़ताल अभी कई दिन जारी रहेगी.
Jet Airways के सामने रखी ये शर्त
जेट के साथ बातचीत में टाटा ने 2 अहम शर्तें रखी हैं. बताया जा रहा है कि सौदे के बाद जेट में नरेश गोयल की हिस्सेदारी या मौजूद stake 5-10 फीसदी का होगा. विमानन क्षेत्र के सूत्रों के मुताबिक, टाटा संस, जेट एयरवेज को समूचे मैनेजमेंट के साथ खरीदना चाहती है और जेट एयरवेज की समस्त हिस्सेदारी की पड़ताल कर रही है. जानकार बताते हैं कि जेट एयरवेज ने कंपनी के कुछ अंशों को बेचने की पेशकश की है, जबकि टाटा संस ने इसे पूरी तरह से खरीदने में अपनी रुचि जताई है.
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सोमवार को लगातार तीसरे तिमाही में नुकसान के बाद, जेट एयरवेज ने कहा कि लागत कम करने और राजस्व बढ़ाने के लिए कम लाभदायक मार्गों पर उड़ानों में कटौती करने की योजना बनाई है.
तेल के लगातार बढ़ते दाम, ईंधन पर ऊंचा टैक्स, रुपये का गिरता स्तर, कम किराया और विमानन कंपनियों के बीच बढ़ते कंपटीशन के चलते दुनिया के तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र के लाभ को कम किया है.
ICRA ने जेट एयरवेज की क्रेडिट रेटिंग घटाई
पिछले दिनों रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने जेट एयरवेज की अल्पकालिक और दीर्घकालिक साख सुविधाओं की रेटिंग घटा दी थी. आईसीआरए ने जेट एयरवेज के 'दीर्घकालिक ऋणों' और 'गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर' की रेंटिंग बीबी प्लस (नकारात्मक दृष्टिकोण) से घटाकर बीबी (नकारात्मक दृष्टिकोण) कर दी थी. इसके अलावा एयरलाइन की अल्पकालिक रेटिंग को भी ए4प्लस से घटाकर ए4 कर दी थी.
आर्थिक संकट में फंसी जेट एयरवेज को कई भारी भरकम कर्ज चुकाने हैं, जिसमें 3,120.3 करोड़ रुपये का भुगतान वित्त वर्ष 2019 तक, 2,444.5 करोड़ रुपये का भुगतान वित्त वर्ष 2020 तक और 2,167.9 करोड़ रुपये का भुगतान वित्त वर्ष 2021 तक करना है. इस तरह जेट एयरवेज को लगभग 7731 करोड़ रुपये का भुगतान अगले 3 वर्षों में करना है.
06:18 PM IST