कतर एयरवेज ने देश में एयरलाइन का प्लान टाला, भारत को हो सकता है बड़ा नुकसान
भारत में विदेशी निवेशकों को स्थानीय विमानन कंपनी में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति है, लेकिन विदेशी एयरलाइंस को इसकी अनुमति नहीं.
कतर एयरवेज ने कहा कि वह भारत की एफडीआई नीति से संतुष्ट नहीं है. (फाइल फोटो)
कतर एयरवेज ने कहा कि वह भारत की एफडीआई नीति से संतुष्ट नहीं है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली : कतर एयरवेज भारत में अब एयरलाइन स्थापित नहीं करेगी. उसने योजना फिलहाल टाल दी है. कतर एयरवेज के प्रमुख अकबर अल बाकर ने कहा कि एयरलाइन ने विदेशी स्वामित्व नियमों के अस्पष्ट होने की वजह से 12 महीने और इंतजार करने का फैसला किया है. करीब 3 महीने पहले अल बाकर ने कहा था कि कतर एयरवेज भारत में घरेलू परिचालन के लिए एक पूर्ण सेवा एयरलाइन शुरू करने को आवेदन करने जा रही है. अल बाकर पिछले दो दशक से कतर एयरवेज समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय विमानन कंपनी में किसी विदेशी इकाई को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने वाले नियम स्पष्ट नहीं हैं.
उन्होंने कहा, 'हमारी जो समझ बनी है उसके अनुसार कोई विदेशी एयरलाइन 100 प्रतिशत हिस्सेदारी नहीं रख सकती लेकिन कोई विदेशी ऐसा कर सकता है. मुझे नहीं पता कि एक विदेशी और एक एयरलाइन में क्या अंतर है.' यहां चुनिंदा मीडियाकर्मियों के साथ गोलमेज में अल बाकर ने कहा कि यदि कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (क्यूआईए) के पास 51 प्रतिशत तथा कतर एयरवेज के पास 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है तो इसकी अनुमति नहीं होगी. यह काफी अस्पष्ट स्थिति है. नियम स्पष्ट नहीं हैं.
कतर एयरवेज का स्वामित्व क्यूआईए के पास हैं. भारत में विदेशी निवेशकों को स्थानीय विमानन कंपनी में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति है, लेकिन विदेशी एयरलाइंस को इसकी अनुमति नहीं है. विदेशी एयरलाइन सिर्फ 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की अनुमति है, विदेशी निवेश इकाई शेष हिस्सेदारी रख सकती है. यह पूछे जाने पर कतर एयरवेज भारत के लिए कितना इंतजार करेगी, अल बाकर ने कहा कि हम 12 महीने और इंतजार करेंगे, लेकिन उससे आगे नहीं.
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अल बाकर ने कहा कि भारतीय एयरलाइंस में निवेश के अवसर हमेशा हैं. भारत एक बड़ा विमानन बाजार है. उन्होंने कहा, 'समय के साथ हमारी रुचि समाप्त हो सकती है. आप जानते हैं कि हमारे पास कोष है जिसका हम निवेश करना चाहते हैं. यदि हम समय पर निवेश नहीं कर पाते हैं, तो हमें इसका निवेश कहीं और करना होगा.'
इनपुट एजेंसी से भी
07:41 PM IST