जेट ऐयरवेज के विमानों का कल से उड़ पाना होगा मुश्किल, पायलटों ने लिया ये बड़ा फैसला
आर्थिक संकट से जूझ रही जेट ऐयरवेज के लगभग 1100 पायलटों ने सोमवार से विमान न उड़ाने का निर्णय लिया है.
जेट ऐयरवेज के पायटलों ने विमान नहीं उड़ाने का निर्णय लिया (फाइल फोटो)
जेट ऐयरवेज के पायटलों ने विमान नहीं उड़ाने का निर्णय लिया (फाइल फोटो)
आर्थिक संकट से जूझ रही जेट ऐयरवेज के लगभग 1100 पायलटों ने सोमवार से विमान न उड़ाने का निर्णय लिया है. जेट एयरवेज के पायलटों के राष्ट्रीय संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) से जुड़े करीब 1,100 पायलटों ने बकाया वेतन न मिलने की स्थित में सोमवार सुबह 10 बजे से विमान नहीं उड़ाने का निर्णय लिया है. खबरों के अनुसार रविवार को बैठक कर संगठन की ओर से यह निर्णय लिया गया.
जनवरी से नहीं मिला है वेतन
गौरतलब है कि जेट ऐयरवेज के पायलटों व इंजीनियर सहित अन्य वरिष्ठ प्रबंधकों को जनवरी महीने से वेतन नहीं मिला है. आर्थिक तंगी से जूड रही कंपनी में कर्मचारियों को वेतन समय पर न मिल पाने की समस्या काफी समय से चल रही है. वहीं इस कंपनी ने अन्य वर्ग के कर्मचारियों को भी मार्च का वेतन अब तक नहीं दिया है.
मानव श्रंखला बना कर किया प्रदर्शन
जेट ऐयरवेज के कर्मचारियों ने शनिवार शाम को मानव श्रंखला बना कर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (IGI) के टर्मिनल 3 के बाहर प्रदर्शन किया. इस मौके पर कर्मचारियों ने मांग की कि उन्हें तुरंत उनका बकाया वेतन दिया जाए. साथ ही उनके भविष्य की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए. कर्मचारी हाथ में पोस्टर व बैनर लिए हुए थे जिन पर लिखा था कि जेट एयरवेज बचाओ, हमारा भविष्य बचाओ. शुक्रवार को भी मुंबई में जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने बकाए वेतन की मांग को लेकर शांतिपूर्ण मार्च निकाला था.
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कानूनी नोटिस भेज कर 14 अप्रैल का समय दिया था
जेट एयरवेज के घरेलू पायलटों के संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (NAG) ने एयरलाइन को नोटिस भेजा था. पायलटों ने नोटिस भेज कर बकाया वेतन दिए जाने के लिए प्रबंधन को 14 अप्रैल तक का समय दिया था. पिछले सप्ताह कंपनी के मालिकाना हक में बदलाव हुआ. कंपनी की अधिकांश हिस्सेदारी बैंकों के समूह के पास आ गई. पायलटों व इंजीनियर्स के अलावा विमानन कंपनी ने अन्य कर्मचारियों को भी मार्च का वेतन अब तक नहीं दिया है.
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प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई चर्चा
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जेट एयरवेज की स्थिति पर चर्चा करने के लिये आवश्यक बैठक बुलाई थी. खबरों के अनुसार प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में यह बैठक हुई. सरकार की सबसे पहली चिंता जेट एयरवेज के बंद होने से बड़ी संख्या में लोगों के बेरोजगार होने को लेकर है. इसके साथ ही भारतीय विमानन क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी के बंद होने के चलते हवाई यात्रा महंगी होने की आशंका भी है.
05:45 PM IST