आखिर क्यों मुश्किल में हैं भारतीय एविएशन सेक्टर? एक्सपर्ट्स ने बताया- क्या है विमानों में लगातार आ रही खराबी की वजह
Aviation sector Crisis: पिछले कुछ समय में विमानों में तकनीकी खराबी के कई मामले सामने आए हैं. एविएशन सेक्टर से जुड़े कुछ सब्जेक्ट एक्सपर्ट ने इसकी वजह बताई है.
(Source: Reuters)
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Aviation sector Crisis: देश में पिछले कुछ दिनों में लगातार विमानों में खराबी के मामले सामने आ रहे हैं. इसमें SpiceJet, Go First, IndiGo और Air India जैसे सभी प्रमुख एयरलाइंस शामिल हैं. इसने एविएशन रेगुलेटर DGCA को मामले की गहन जांच के प्रेरित किया है. हालांकि एविएशन सेक्टर के एक्सपर्ट का मानना है कि एयरलाइंस की खराब फाइनेंशियल कंडीशन, सप्लाई चेन का टूटना और DGCA में तकनीकी दक्षता की कमी इन मामलों के बढ़ने के प्रमुख कारणों में से है. एविएशन सलाहकार और Vayudoot के पूर्व प्रमुख हर्ष वर्धन (Harsh Vardhan) ने कहा कि विमानों में तकनीकी खराबी के कारण इन घटनाओं को देखा जा रहा है.
घाटे में हैं एयरलाइन
उन्होंने कहा कि लगभग दो साल तक कोरोना महामारी के कारण ये विमान बेकार पड़े थे. कई एयरलाइन ने अपनी लागतों में कमी के लिए छंटनी भी की. अब एक बार फिर से फ्लाइट की संख्या बढ़ने से बड़ी संख्या में विमानों को काम पर लगाया गया है, लेकिन इन एयरलाइन ने नई भर्ती नहीं की है, जिसके कारण इस दबाव को संभालने के लिए एयरलाइन के पास पर्याप्त वर्कफोर्स नहीं है.
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वर्धन ने कहा कि कई जगहों पर नए कर्मचारी हैं, लेकिन उन्हें सिस्टम के साथ तालमेल बैठाने की जरूरत है और साथ ही इसे बदलने की भी. 2008 के बाद से ही अधिकांश एयरलाइंस फाइनेंशियल क्राइसिस से गुजर रही हैं.
सप्लाई चेन गड़बड़ाई
उन्होंने कहा कि भारत में एविएशन सेक्टर के लिए ऑपरेशन कॉस्ट अधिक है. एविएशन फ्यूल की कीमतें अधिक हैं. कैश फ्लो और लिक्विडिटी भी एविएशन के लिए प्रमुख मुद्दे हैं. वहीं, कोरोना महामारी के बाद स्थिति और भी बिगड़ी है. खराब वित्तीय स्थिति के कारण एयरलाइन कंपनियां स्पेयर पार्ट्स के सप्लायर्स को पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण उनकी सप्लाई चेन में भी खराबी आ रही है. इन सभी कारणों से विमान के दैनिक ऑपरेशन पर असर पड़ता है.
DGCA में तकनीकी क्षमता का अभाव
एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए के बारे में बोलते हुए वर्धन ने कहा कि DGCA के पास वर्तमान में तकनीकी क्षमता का अभाव है. वे विमानों की निगरानी के लिए ज्यादातर एयरलाइंस पर ही निर्भर हैं.
हालांकि वर्धन ने कहा कि खराब मौसम के कारण भी विमानों में खराबी आती है और इस तरह की घटनाएं पूरी दुनिया की एयरलाइनों में हो रही है. ऐसे हालात में विमानों की निगरानी और तैनाती और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है.
कहां है कमी
एविएशन सेफ्टी सलाहकार कैप्टन मोहन रंगनाथन (Captain Mohan Ranganathan) ने भी इसी ओर इशारा करते हुए कहा कि विमानों में देर से होने वाली घटनाओं का मुख्य कारण फाइनेंस की कमी, ट्रेंड वर्कफोर्स की कमी और मेंटनेंस का अभाव है.
रंगनाथन ने यह भी बताया कि सुरक्षा नियमों को लागू करने में DGCA की विफलता, फाइनेंस ऑडिट आयोजित करना और दुर्घटनाओं और गंभीर घटनाओं को मामूली घटनाओं के रूप में कवर करना कुछ अन्य कारण हैं.
उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए कि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई और हम सुरक्षित हैं, इन मामलों को जाने नहीं दिया जा सकता है.
मुश्किल में हैं एयरलाइंस
एयर इंडिया (Air India) के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जितेंद्र भार्गव (Jitender Bhargava) ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए देश में कई एयरलाइनों के लिए ब्रेक ईवन की स्थिति में पहुंचना बहुत मुश्किल है.
उन्होंने कहा कि भारत में हर एयरलाइन अपनी सीटों को भरना चाहती है और इसके लिए वे किराया को कम रखते हैं. कोविड ने स्थिति को और भी बुरा किया है. एविएशन फ्यूल की कीमतें लगातार बढ़ (ATF Price Hike) रही है. इन सभी चीजों ने मिलकर एयरलाइंस की फाइनेंशियल स्थिति को प्रभावित किया है.
08:14 PM IST