Petrol या Diesel? कार खरीदने से पहले जानिए कौन सी Car होगी आपके लिए फायदेमंद
हम पेट्रोल और डीजल कारों में तुलना करने जा रहे हैं. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके लिए कौन सी कार बेहतर है. कंपनी के अलावा इसके कई और पहलू होते हैं.
आमतौर पर पेट्रोल कारें डीजल कारों से सस्ती होती हैं. (फाइल फोटो)
आमतौर पर पेट्रोल कारें डीजल कारों से सस्ती होती हैं. (फाइल फोटो)
अक्सर कार खरीदने को लेकर तमाम सवाल मन में रहते हैं. मसलन कौन सी कंपनी की कार लें, माइलेज क्या होगा, डीजल कार लें या पेट्रोल. ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब हम आपके लिए लाए हैं. इन जवाबों से आपको कार खरीदने में आसानी होगी और आप तय कर पाएंगे कि कौन सी कार आपके लिए फायदेमंद है. हम पेट्रोल और डीजल कारों में तुलना करने जा रहे हैं. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके लिए कौन सी कार बेहतर है. कंपनी के अलावा इसके कई और पहलू होते हैं, जिनको ध्यान में रखकर ही कार खरीदनी चाहिए.
पावरफुल होती है पेट्रोल कार
कार का पेट्रोल वर्जन डीजल के मुकाबले ज्यादा पावरफुल होता है. पेट्रोल कार का माइलेज कम होता है. अगर आपको अपनी कार का इस्तेमाल व्यावसायिक तौर पर करना है तो डीजल कारें आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं. रोजना 50 किमी और मासिक 1500 किमी से ज्यादा के सफर तय करने के लिए डीजल कार एक बेहतर विकल्प है.
सस्ती होती है पेट्रोल कार
आमतौर पर पेट्रोल कारें डीजल कारों से सस्ती होती हैं. उदाहरण के तौर पर -
- मारुति सुजुकी स्विफ्ट पेट्रोल VXI वेरिएंट- 6.14 लाख रुपए (दिल्ली एक्स शोरूम कीमत)
- मारुति सुजुकी स्विफ्ट डीजल VDI वेरिएंट- 7.03 लाख रुपए (दिल्ली एक्स शोरूम कीमत)
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पेट्रोल कार की अच्छी होती है रिसेल
पेट्रोल कार की रिसेल वेल्यू लंबे समय तक अच्छी बनी रहती है. इसके मुकाबले डीजल कार की रिसेल कीमत जल्द ही कम हो जाती है. वहीं, व्यावसायिक क्षेत्र में सेकेंड हैंड डीजल कारों की काफी डिमांड रहती है.
पेट्रोल कार का मेंटनेंस होता है कम
डीजल कारों के मुकाबले पेट्रोल कारों के लिए मेंटनेंस पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है. डीजल कारों में ज्यादा स्पेयर पार्ट्स लगे होते हैं, जिसकी वजह से उनके मेंटेनेंस पर ज्यादा खर्च आता है. उदाहरण के तौर पर 24 महीनें या 20,000 किमी चलने के बाद चौथी पेड सर्विस पर -
- मारुति की पेट्रोल कार - लगभग 5300 रुपए
- मारुति की डीजल कार - लगभग 6500 रुपए
एक्सपर्ट्स की नजर में बेहतर है डीजल इंजन
दोनों ही वर्जन के इंजन की लाइफ हमेशा से एक विवादास्पद बहस का मुद्दा बना रहा है-
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पेट्रोल इंजन की तुलना में डीजल इंजन की लाइफ छोटी होती है. डीजल इंजन कम्प्रेशन टाइप के इग्निशन पर काम करते हैं. ऑटोमोबाइल इंजीनियरों के मुताबिक, एक आम वेलमेंटेन्ड डीजल इंजन 3,00,000 किमी तक चल सकता है. इसके अलावा ट्रक, मिनी वैन और बस डीजल इंजन के अच्छी लाइफ के बढ़िया उदाहरण होते हैं.
परफॉरमेंस के मामले में बेहतर है पेट्रोल कार
परफॉरमेंस के मामले में पेट्रोल कारें बेहतर प्रदर्शन करती हैं. पेट्रोल इंजन में स्पार्क इग्निशन लगा होता है, जो इसे डीजल इंजन की तुलना में बेहतर बनाता है. पेट्रोल इंजन में चलते समय आवाज भी कम आती है.
11:38 AM IST