Tata Motors की कॉमर्शियल गाड़ियां 1 जुलाई से होंगी महंगी, जानें कितनी ज्यादा रकम देनी पड़ेगी
Tata Motors Price Hike: इससे पहले अप्रैल में टाटा मोटर्स ने अपने पैसेंजर व्हीकल्स के दाम 1.1 प्रतिशत और कॉमर्शियल गाड़ियों के दाम दो से ढाई प्रतिशत बढ़ाए थे.
फिलहाल भारतीय इलेक्ट्रिक कार बाजार में करीब 90 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा मोटर्स की ही है.
फिलहाल भारतीय इलेक्ट्रिक कार बाजार में करीब 90 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा मोटर्स की ही है.
Tata Motors Price Hike: देश के सबसे बड़े कॉमर्शियल व्हीकल निर्माता टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने अपने कॉमर्शियल व्हीकल (commercial vehicle price) रेंज की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है. कंपनी ने कीमत में 1.5-2.5% की बढ़ोतरी कर दी है जो 1 जुलाई 2022 से अलग-अलग मॉडल और वेरिएंट के आधार पर पूरी रेंज में लागू होगी. कंपनी ने लागत में हुई बढ़ोतरी को इसके पीछे की वजह बताई है. कंपनी ने कहा कि हम इसकी पूरी कोशिश करते हैं कि बढ़ी लागत के भार को हम अपने स्तर से एडजस्ट कर सकें.
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दाम कितना बढ़ेगा
खबर के मुताबिक, कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रोडक्शन कॉस्ट की आंशिक भरपाई के लिए वह यह कदम उठा रही है. टाटा मोटर्स ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि लगभग सभी कॉमर्शियल व्हीकल्स के दाम बढ़ेंगे. दाम कितना बढ़ेगा यह मॉडल और वेरिएंट पर निर्भर करेगा. कंपनी ने कहा कि उसने मैनुफैक्चरिंग के अलग-अलग फेज में प्रोडक्शन कॉस्ट में बढ़ोतरी का काफी बोझ खुद वहन करने की कोशिश की है. लेकिन उत्पादन की कुल लागत काफी बढ़ी है. ऐसे में अब इसका कुछ बोझ ग्राहकों पर डालना जरूरी हो गया था, इसलिए हमें यह बढ़ोतरी करनी पड़ी है.
अप्रैल में भी बढ़ाए थे दाम
बता दें, इससे पहले अप्रैल में टाटा मोटर्स ने अपने पैसेंजर व्हीकल्स के दाम 1.1 प्रतिशत और कॉमर्शियल गाड़ियों (tata motors commercial vehicles price) के दाम दो से ढाई प्रतिशत बढ़ाए थे.टाटा मोटर्स (Tata Motors) आने वाले समय में ग्राहकों के लिए कई तरह के इलेक्ट्रिक व्हीकल लाने की योजना बना रही है. कंपनी का टारगेट चालू वित्तीय वर्ष में अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रोडक्शन को तेजी के साथ बढ़ाना है. फिलहाल भारतीय इलेक्ट्रिक कार बाजार में करीब 90 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा मोटर्स की ही है.
टाटा मोटर्स ने घटाया अपना लॉस
टाटा मोटर्स का इंटीग्रेटेड नेट लॉस वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में कम होकर 992.05 करोड़ रुपये पर आ गया.वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का इंटीग्रेटेड नेट लॉस (एकीकृत शुद्ध घाटा) 7,585.34 करोड़ रुपये रहा था. कंपनी की कुल ऑपरेशनल इनकम घटकर 78,439.06 करोड़ रुपये रह गई थी,जो एक साल पहले की इसी तिमाही में 88,627.90 करोड़ रुपये थी.
05:39 PM IST