नई कार या बाइक में डिफेक्ट की सीधे सरकार से करिए शिकायत, ये है आसान तरीका; जानिए सबकुछ
कार चालक या कार मालिक की लापरवाही के चलते हुए डिफेक्ट की शिकायत नहीं की जा सकती है. इसके अलावा जिन वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट लागू हो चुका है लेकिन उसे रिन्यू नहीं कराया है, रिकॉल के दायरे से बाहर होंगे.
भारत में फिलहाल व्हीकल की वॉलेंटरी रिकॉल पॉलिसी है. (Image: Reuters)
भारत में फिलहाल व्हीकल की वॉलेंटरी रिकॉल पॉलिसी है. (Image: Reuters)
Vehicle Recall Portal: केंद्र सरकार ने व्हीकल रिकॉल की दिशा में हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है. अगर आपने नई कार, बाइक या अन्य कोई दूसरी गाड़ी खरीदी है और उसमें कोई मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है, तो आप इसकी शिकायत सीधे सरकार से कर सकते हैं. रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री (MoRTH) की ओर से परिवहन वेबसाइट पर एक रिकॉल पोर्टल शुरू किया गया है. इस पोर्टल पर कस्टमर अपनी नई गाड़ी के डिफेक्ट से जुड़ी शिकायत रजिस्टर कर सकते हैं. व्हीकल रिकॉल जैसी समस्या से जूझ रहे कस्टमर की मदद के लिए यह पोर्टल शुरू किया है. कस्टमर गाड़ी में लगे फॉल्टी कंपोनेंट या सॉफ्टवेयर इश्यू से जुड़ी की शिकायत पोर्टल पर जाकर कर सकते हैं.
भारत में फिलहाल व्हीकल की वॉलेंटरी रिकॉल पॉलिसी है. ओरिजिनल इक्विमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) को जब लगता है कि उसकी गाड़ी में कोई फॉल्ट है, तो वो रिकॉल करता है. सरकार का यह कदम रिकॉल पॉलिसी को अनिवार्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है. मौजूदा सिस्टम में अगर कार मालिक को कोई शिकायत है, तो उसे डीलरशिप के पास जाना पड़ता है. अब पोर्टल के जरिए कार मालिकों को राहत मिलेगी.
कौन कर सकता है शिकायत
मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर उपलब्ध F&Q के मुताबिक, 7 साल से ज्यादा पुरानी गाडि़यों के डिफेक्ट की शिकायत नहीं की जा सकती है. यहां यह ध्यान रखें कि आपका मोबाइल नंबर वाहन (Vahan) डेटाबेस में होना चाहिए. अगर नहीं तो आप आरटीओ ऑफिस जाकर अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कराना होगा. इसके अलावा, शिकायत से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि सेफ्टी और एन्वायनमेंट से जुड़ा डिफेक्ट है.
कैसे कर सकते हैं शिकायत
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रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, नई कार या बाइक की डिफेक्ट की शिकायत के लिए सबसे पहले आपको मिनिस्ट्री व्हीकल रिकॉल vahan.parivahan.gov.in पर जाना होगा. यहां मोबाइल नंबर के जरिए लॉगइन करना होगा. इसके बाद आपको अपनी शिकायत रजिस्टर करानी होगी. मिनिस्ट्री की ओर से शिकायत की जांच की जाएगी. उसके बाद एनालाइज करने के बाद गाड़ी के डिफेक्ट के नेचर को देखते हुए रिकॉल करेगा. शिकायत की जांच नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से की जाएगी.
किस तरह के डिफेक्ट की नहीं कर सकते शिकायत
मिनिस्ट्री के F&Q के मुताबिक, हर रोज की टूट-फूट, या कार चालक या कार मालिक की लापरवाही के चलते हुए डिफेक्ट की शिकायत नहीं की जा सकती है. इसके अलावा, जिन वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट लागू हो चुका है लेकिन उसे रिन्यू नहीं कराया है. साथ ही ऐसे डिफेक्ट जो हम रोज देखते हैं लेकिन उसकी समय पर मरम्मत नहीं कराते हैं, रिकॉल के दायरे से बाहर माने जाएंगे.
वहीं, क्लच, शॉक एब्सॉर्बेर, बैटरी, ब्रेक पैड्स, एग्जॉस्ट सिस्टम, टायर, एयर कंडीशनर और आडियो सिस्टम या नेविगेशन सिस्टम जैसे इक्विपमेंट, जिनका समय-समय पर निरीक्षण, रखरखाव और रिप्लेसमेंट किया जाना चाहिए , वो डिफेक्ट के दायरे में नहीं आएंगे. जंग, कलर, पेंट खराब, फ्यूल की खपत जैसी शिकायतें डिफेक्ट के दायरे में नहीं आएंगी.
02:24 PM IST